ये है फर्क: पाकिस्तान में रोटी के लाले, भारत और एक साल तक 80 करोड़ लोगों को मुफ्त खिलाएगा अनाज
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने बजट में जो एक बड़ी घोषणा की है कि उसे पाकिस्तान के सीने पर सांप लौट जाएंगे। जहां पाकिस्तान में जहां सरकार के पास अनाज की इतनी किल्लत है कि देश की आवाम रोटी के लिए तरस रही है, लड़ रही है और सरकार बेबस है। वहीं दूसरी ओर भारत, जहां 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में अनाज खिलाने का दम रखता है। वित्तमंत्री ने घोषणा की है कि देश में 80 करोड़ गरीब लोगों को अगले एक साल तक मुफ्त अनाज मिलेगा। अगले साल जनवरी 2024 तक मुफ्त में मिलने वाले इस प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के लिए 2 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है।
कब शुरू हुई थी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना
इस योजना के तहत बीपीएल कार्ड धारकों को हर महीने 4 किलो गेहूं और 1 किलो चावल प्रति व्यक्ति अनाज मुफ्त दिया जाता है। मुफ्त राशन योजना की पहला चरण साल 2020 में शुरू हुआ था। केंद्र सरकार ने इसे दिसंबर 2023 तक के लिए बढ़ा दिया था। अब इसे अगले एक साल तक यानी जनवरी 2024 तक बढ़ा दिया गया है।
बजट में सरकार ने लोगों के आशियाने का भी रखा ध्यान
रोटी, कपड़ा और मकान, ये तीन ही मूलभूत आवश्यकताएं होती हैं। ऐसे में पाकिस्तान ने भारत में आज पेश हुए बजट को सुनकर सिर पीट लिया होगा। क्योंकि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज ही नहीं उनके रहने के लिए भी बजट में बड़ा प्रावधान किया गया है।
बजट में गरीबों के आशियाने के लिए 79 हजार करोड़ रुपए का फंड
अनाज ही नहीं आवास के लिए भी भारत सरकार सजग है। यही कारण है कि पीएम आवास योजना का फंड बढ़ाया गया है। इस बजट में गरीबों के घर के लिए 79 हजार करोड़ रुपये का फंड रखा गया है।
75 साल बाद आज कर्ज में डूबा पाकिस्तान, 5वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बना भारत
जहां भारत करोड़ों लोगों को मुफ्त अनाज और आवास उपलब्ध करा रहा है। वहीं पाकिस्ताान में रोटी के लाले पड़ गए हैं। पेट्रोल के आसमान छूते दामों की मार से कमर टूट गई है। बिजली नदारद है, लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हो गए हैं। ये वही पाकिस्तान है जो भारत के साथ ही आजाद हुआ था। आज 75 साल बाद अमृतकाल में वो कहां खड़ा है और हम कहां खड़े हैं, फर्क साफ दिख रहा है। हम 80 करोड़ लोगों को अनाज देने की क्षमता रखते हैं और वो, कर्ज के लिए कटोरा लेकर दुनियाभर में भीख मांग रहा है, गिड़गिड़ा रहा है।
ये हैं भारत सरकार के बजट के 7 लक्ष्य
यही नहीं, इस बार बजट के मुख्य सात लक्ष्य हैं जिन्हें सप्तर्षि कहा गया है- 1. समावेशी विकास, 2. वंचितों को वरीयता, 3. बुनियादी ढांचे और निवेश, 4. क्षमता विस्तार 5.हरित विकास, 6. युवा शक्ति, 7. वित्तीय क्षेत्र। वित्त मंत्री ने कहा कि अमृत काल का विजन तकनीक संचालित और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था का निर्माण करना है। इसके लिए सरकारी फंडिंग और वित्तीय क्षेत्र से मदद ली जाएगी। इस ‘जनभागीदारी’ के लिए ‘सबका साथ, सबका प्रयास’ अनिवार्य है।