DDA अप्रूव्ड योजना में घर दिलाने के नाम पर 250 लोगों से 29 करोड़ रुपये ठगे, दो लोग गिरफ्तार
दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) की एक योजना से संबंधित आवासीय परियोजना के बहाने लगभग 250 घर खरीदारों से कथित रूप से 29 करोड़ रुपये ठगने के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने गुरुवार को बताया कि फरीदाबाद निवासी रतन सिंह नेगी (39) और उसकी महिला साथी एरोसिटी द्वारका बहु-राज्य सहकारी समूह आवासीय सोसाइटी के पदाधिकारी हैं। इससे पहले वे एक अन्य रियल एस्टेट कंपनी में प्रबंधकों के पद पर थे।
एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने यह बहाना बनाकर लगभग 250 निवेशकों से 29 करोड़ रुपये जुटा लिए कि उनकी आगामी परियोजना को विधिवत तरीके से डीडीएस से लाइसेंस मिल चुका है। इसमें से केवल 6.75 करोड़ रुपये का इस्तेमाल परियोजना के लिए जमीन खरीदने में किया गया, जबकि शेष राशि को गबन तथा अन्य विभिन्न संस्थाओं को दे दिया गया।
अधिकारी ने कहा कि जानकारी मिली थी कि नेगी और उसकी साथी जमानत याचिका खारिज होने के बाद से फरार हैं और दिल्ली आने वाले हैं, जिसके बाद बुधवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस इस मामले में अन्य षडयंत्रकारियों और संबंधित लोगों की भूमिका की जांच कर रही है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (आर्थिक अपराध शाखा) ओ.पी. मिश्रा ने कहा कि डीडीए की भूमि संयोजन योजना (एलपीपी) के नाम पर विभिन्न सोसाइटी और बिल्डरों द्वारा बाजार में कई आकर्षक योजनाएं पेश की जा रही हैं। संपत्ति या फ्लैट की बुकिंग के लिए पंजीकरण शुल्क या प्रारंभिक भुगतान की मांग की जा रही है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के सुनियोजित विकास के तहत घरों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए डीडीए ने यह योजना शुरू की थी। जांच में पता चला है कि विभिन्न बिल्डर और प्रमोटर इस योजना के नाम पर फ्लैट खरीदारों को ठगकर फायदा उठा रहे हैं।