24 November, 2024 (Sunday)

अफगानिस्‍तान से आने वाले मेवों पर तालिबान का ग्रहण

अफगानिस्तान से आने वाले सूखे मेवे पर तालिबानी छाया का ग्रहण बाजार पर दिखने लगा है। रोज बढ़ रही कीमतों से सूखा मेवा इस त्योहारी सीजन में पहुंच से दूर होता नजर आ रहा है। पेशावरी हरा पिस्ता हो या फिर अंजीर एवं बादाम और अखरोट गिरी, सभी के दाम में तेजी से उछाल बना हुआ है।

बाजार में हैं विकल्प अस्थायी फेज है चिंता जैसी बात नहीं: हालांकि कारोबारी इसे अस्थायी फेज मानते हैंं वह कहते हैं कि बाजार में विकल्प हैं। अमेरिकन बादाम और अखरोट गिरी के अलावा अफ्रीका और भारत के विभिन्न प्रांतों से आने वाला काजू, हींग, किशमिश आदि मेवा लोगों का पसंदीदा है। हां, अफगानी हरा पिस्ता बेहतर होता है उस पर अंतर आएगा। लेकिन विकल्प कम नहीं हैं।

त्योहार और सर्दी में खपत ज्यादा, माल कम, बाजार रहेगा गर्म: सावन खत्म होते ही रक्षाबंधन पर्व के साथ त्योहारों की शुरुआत हो जाती है। ऐसे में मिष्ठान से लेकर नमकीन तक में मेवे का जमकर उपयोग होता है। मांग बढ़ने के साथ ही कीमतों में लगातार होती बढ़ोत्तरी आगामी दिनों में बाजार गर्म रखने के संकेत दे रही है। और तो और दीपावली के साथ ही ठंडक की दस्तक होने लगती है। इनमें भी ड्राई फ्रूट की मांग खूब रहती है। ऐसे में खपत अधिक और माल कम हाेने से दाम चढ़ने की संभावना बनी हुई है।

थोक बाजार
  • मेवा -कीमत -15 अगस्त के पहले -21 अगस्त को रुपये प्रति किग्रा.
  • पेशावरी पिस्ता हरा -1,500 से 1,700 -2,000 से 2,150
  • अंजीर – 750 से 800 -1,000 से 1,100
  • बादाम गिरी -550 से 600 -800 से 900
  • अखरोट गिरी -800 से 900 -900 से 1,300
  • छुहारा -100 से 150 -150 से 200

फुटकर बाजार

  • मेवा -कीमत -मौजूदा दर रुपये प्रति किग्रा.
  • पेशावरी पिस्ता हरा -2,200 से 2,300
  • अंजीर – 1,200 से 1,300
  • बादाम गिरी -900 से 1,000
  • अखरोट गिरी -1,000 से 1,400
  • छुहारा -175 से 225
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