COVID-19 Rapid Testing: रैपिड टेस्टिंग से कोविड-19 को छह हफ्तों में खत्म किया जा सकता है, रिसर्च
कोरोनावायरस जिसने पिछले 9 महीनों से दुनियाभर में लाखों जिंदगियां खत्म कर दी है, इस वायरस के थमने के फिलहाल कोई आसार नहीं दिख रहे है। वैज्ञानिक लगातार इस बीमारी की रोकथाम के उपायों को खोजने में जुटे है, लेकिन फिर भी अभी तक कोई कामयाबी हासिल नहीं हुई है। अब हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कोरोना के खात्मे के लिए नया सुझाव दिया है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि बड़े पैमाने पर कोविड-19 की रैपिड टेस्टिंग करके सिर्फ छह हफ्तों में कोरोना महामारी पर काबू पाया जा सकता है। दुनिया को चौंकाने वाला ये खुलासा साइंस एडवांसेस पत्रिका में 20 नवंबर को प्रकाशित हुआ है।
यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो बोल्डर और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा प्रकाशित एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि लगातार और तेजी से परीक्षण कुछ हफ्तों के अंदर ही कोविड-19 को खत्म कर सकता है।
हार्वर्ड में टीएच चेन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ और यूनिर्सिटी ऑफ कोलोराडो बोल्डर के विशेषज्ञों ने बताया कि हालांकि रैपिड टेस्ट कम भरोसेमंद होते हैं, लेकिन ऐसे लोगों में बड़े पैमाने पर टेस्ट को आजमाया जा सकता है जिनमें कोरोना वायरस संक्रमण का कोई लक्षण सामने नहीं आया है।
टेस्ट करने का फायदा:
अधिक से अधिक टेस्ट करने का फायदा ये होगा कि लॉकडाउन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और इस तरह स्वास्थ्य अधिकारियों को इलाज करने में भी मदद मिलेगी। कोविड-19 के रैपिड टेस्ट कीमत में कम और नतीजे मिनटों में देनेवाले होते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर कोविड-19 रैपिड टेस्ट के जरिए कोरोना पॉजिटिव लोगों को पहचान कर बाकी लोगों से अलग-थलग कर दिया जाए, तो महामारी पर रोक लगाने में अहम कामयाबी हासिल होगी।
अपनी बात समझाते हुए कोलोराडो यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर वैज्ञानिक डेनियल लारेमोर ने कहा जब हम बड़ी आबादी के टेस्ट करने की बात कर रहे हैं तो कम संवेदनशील टेस्ट पर भी भरोसा किया जा सकता है। ये टेस्ट फौरन रिपोर्ट दे देते हैं और रिपोर्ट के लिए लंबे इंताजर की जरूरत नहीं होती। इसलिए इसकी मदद से पीड़ित लोगों को आइसोलेट करके कोरोना की चेन को तोड़ा जा सकता है।
रैपिड टेस्ट से लॉकडाउन की जरूरत नहीं:
कुछ संक्रमित मरीजों के लिए पूरी आबादी को आइसोलेट करना ठीक नहीं है। लॉकडाउन से बेहतर है कि हम ज्यादा से ज्यादा टेस्ट करके पीड़ित लोगों को ही आइसोलेट करें
डेनियल और उनकी टीम ने कंप्यूटर मॉडलिंग से अंदाजा लगाया है कि अगर हर तीन दिन बाद तीन चौथाई आबादी का रैपिड टेस्ट लिया जाए तो उससे संक्रमण के फैलाव में 88 फीसद तक कमी आ सकती है। इस तरह संक्रमण धीरे-धीरे छह हफ्तों में खत्म हो जाएगा।