कोरोना की तीसरी लहर की आहट, दूसरी लहर से कई गुना तेज होगी संक्रमण की रफ्तार! भारी संख्या में बेड की जरुरत
देश में दिन प्रतिदिन कोविड से संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी देखने को मिल रही है. कभी कभी ऐसा भी हो रहा है कि कुछ जगहों पर केस बढ़ भी जा रहे हैं. ऐसे में शंका तीसरे लहर को लेकर उठ रही है. टीवी9 भारतवर्ष को मिली जानकारी के अनुसार, कोविड के लिए बने इम्पावर्ड ग्रुप ने देश में तीसरी लहर के संभावित खतरे को देखते हुए अस्पताल में कई तरह की बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने को कहा है. इसके लिए राज्यवार आंकड़ा भी पेश किया गया है.
दूसरी तरफ इंडियन मेडिकल एसोशिएसन ने भी सरकार को इस बाबत आगाह किया है. आईएमए के फाइनेंस सेक्रेटरी डॉ अनिल गोयल ने टीवी9 भारतवर्ष से बातचीत में कहा कि कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जिनमें तीसरी लहर की तैयारियों को लेकर बहुत ही बढिया काम हो रहा है. इसमें ऑक्सीजन प्लांट का अस्पतालों में लगना शामिल है. लेकिन कुछ ऐसी बुनियादी जरुरतें भी हैं जिन्हें पूरा करने की तत्काल प्रभाव से जरुरत है.
दूसरी लहर से अधिक तेजी से संक्रमण
सरकार को इस बात की चेतावनी दी गयी है कि इस बार कोविड की दूसरी लहर में जिस संख्या में संक्रमण देखा गया उससे कहीं अधिक और तेजी से संक्रमण देश में फैल सकता है. एक दिन में यदि संक्रमित मरीजों की संख्या की बात करें तो यह पांच लाख तक पहुंच सकता है. ऐसे में जरुरी इस बात को लेकर है कि संक्रमण की संख्या को कैसे 50,000 से नीचे किया जाए.
ज्यादा से ज्याद संख्या में वैक्सीनेशन
देश में दिसम्बर तक सभी लोगों को वैक्सीनेट करने की केन्द्र सरकार की योजना है. कोविड के तीसरे लहर की यदि बात करें तो देश के वैज्ञानिक सलाहकार ने यह दावा किया है कि सितम्बर अथवा अक्टूबर के बाद कभी भी तीसरी लहर आ सकती है. इस समय तक एक बड़ी आबादी को वैक्सीन नहीं मिली होगी. ऐसे में जरुरत इस बात की है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों को वैक्सीन मुहैया किया जाए. इसके लिए वैक्सीन का प्रोडक्शन और लोगों तक उसे कैसे पहुंचाया जाए उसकी रणनीति तैयार की जाए.
अस्पतालों में बेड्स बढ़ाए जाएं
औसतन यह माना जाता है कि जितने संक्रमण के केस होंगे उनमें से संक्रमित लोगों को अस्पताल में बेड्स की जरुरत होगी. ऐसे में बड़ी संख्या में बेड की जरुरत होगी जिसमें उत्तर प्रदेश में 33,000 महाराष्ट्र में 17,865, बिहार में 17,480, पश्चिम बंगाल में 14,173 और मध्य प्रदेश में (12,026) बेड्स की जरूरत पड़ सकती है.