कोरोना पर पीएम नरेंद्र मोदी की वर्चुअल बैठक में नहीं शामिल हो सके सीएम योगी आदित्यनाथ, यह रही वजह…
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों ने सरकार की चिंताएं फिर से बढ़ा दी है। आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों संग बैठक की। हालांकि बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल नहीं हो सके। इस वर्चुअल बैठक में उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह एवं अन्य अधिकारी शामिल हुए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की करोना को लेकर बैठक में उत्तर प्रदेश से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल नहीं हो सके। वजह यह है कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ असम के दौरे पर हैं। इसलिए उनकी जगह पर उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा सुरेश खन्ना, राजेन्द्र तिवारी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य बैठक शामिल हुए। स्वास्थ्य मंत्री ने प्रदेश में कोरोना के ताजा आंकड़ों का लेखा-जोखा पेश किया। इस बैठक में शामिल होने से पहले स्वास्थ्य मंत्री जयप्रताप सिंह ने मंगलवार शाम लखनऊ में एक बैठक बुलाई थी, जिसमें प्रदेश भर से कोरोना मामलों की रिपोर्ट मंगाकर उसकी समीक्षा की गई। इसके आधार पर पूरे प्रदेश में कोरोना की स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने प्रदेश की रिपोर्ट पेश की गई।
उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते प्रदेश सरकार आने वाले दिनों में कोरोना टेस्टिंग अभियान को और तेज करने जा रही है। इसमें विशेष रूप से परिवहन सेवा के जरिए दूसरे प्रदेशों से आने वाले लोगों की टेस्टिंग शामिल है। खासतौर से उन प्रदेशों से आने वाले लोगों की टेस्टिंग जहां पर कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे राज्यों से आने वाले पर्यटक, कामगार या फिर प्रदेशवासियों की सघन जांच की जाएगी ताकि कोरोना संक्रमण की ट्रेसिंग संक्रमण से पहले ही की जा सके। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार सभी बस अड्डा, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और व्यक्तिगत वाहनों से आने वाले स्थानों पर विशेष जांच अभियान चलाएगी।
टीकाकरण में अव्वल बने रहने के लिए बढ़ाए जाएंगे केंद्र : कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए प्रदेश में चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान में और तेजी लाई जाएगी। अभी तक यूपी में 30 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है और प्रदेश नंबर एक पर है। प्रदेश हमेशा अव्वल रहे इसके लिए टीकाकरण केंद्रों की संख्या और बढ़ेगी। टीकाकरण के पश्चात प्रतिकूल प्रभाव (एईएफआइ) के मामलों में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारी निलंबित किए जाएंगे। जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेजों के साथ-साथ अब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी छह दिन टीके लगाए जा रहे हैं। 12 मार्च को प्रदेश में सर्वाधिक 3.36 लाख टीके लगाए गए और 15 मार्च को 3.11 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई गई। अभी टीकाकरण में सर्वोच्च बने रहने के लिए राजस्थान से चुनौती मिल रही है। किसी दिन यूपी तो किसी दिन राजस्थान आगे हो जाता है। अब यूपी लगातार पहले नंबर पर बना रहे इसके लिए केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी।