कोरोना काल में हुए नुकसान से उबरने लगी है इकोनॉमी, दुनिया के निवेशकों के लिए आकर्षक स्थान बनकर उभरा है भारतः राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना के इस काल में, प्रत्येक भारतीय का जीवन बचाने के प्रयासों के बीच अर्थव्यवस्था को जो हानि हुई थी, उससे भी अब देश उबरने लगा है। इस मुश्किल समय में भी भारत दुनिया के निवेशकों के लिए आकर्षक स्थान बनकर उभरा है। इसके साथ ही उन्होंने कोरोना संकट के दौरान भारत की इकोनॉमी की स्थिति को सुधारने के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना की। बजट सत्र के पहले दिन संसद में अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति कोविंद ने यह बात की। अपने अभिभाषण की शुरुआत में राष्ट्रपति कोविंद ने इस बात पर संतोष जताया कि केंद्र सरकार के समय पर लिए गए सटीक फैसलों से लाखों देशवासियों का जीवन बचा है।
उन्होंने कहा कि आज देश में कोरोना के नए मरीजों की संख्या भी तेजी से घट रही है और जो संक्रमण से ठीक हो चुके हैं उनकी संख्या भी बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए रिकॉर्ड आर्थिक पैकेज की घोषणा के साथ ही सरकार ने इस बात का भी ध्यान रखा कि किसी गरीब को भूखा न रहना पड़े।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ के माध्यम से 8 महीनों तक 80 करोड़ लोगों को 5 किलो प्रतिमाह अतिरिक्त अनाज निशुल्क सुनिश्चित किया गया। इसके साथ ही सरकार ने प्रवासी श्रमिकों, कामगारों और अपने घर से दूर रहने वाले लोगों की भी चिंता की।
उन्होंने कहा कि करीब 31 हजार करोड़ रुपए गरीब महिलाओं के जनधन खातों में सीधे ट्रांसफर भी किए। इस दौरान देशभर में उज्ज्वला योजना की लाभार्थी गरीब महिलाओं को 14 करोड़ से अधिक मुफ्त गैस सिलेंडर भी मिले।
राष्ट्रपति ने देश को आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ”यदि अपने महत्व को बढ़ाना है तो दूसरों पर निर्भरता को कम करते हुए आत्मनिर्भर बनना होगा।”
उन्होंने कहा, ”आत्मनिर्भर भारत अभियान केवल भारत में निर्माण तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत के हर नागरिक का जीवन स्तर ऊपर उठाने तथा देश का आत्मविश्वास बढ़ाने का भी अभियान है।”
राष्ट्रपति ने इस अभियान में महिलाओं की भागीदारी की महत्ता को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा, ”आत्मनिर्भर भारत में महिला उद्यमियों की विशेष भूमिका है। मेरी सरकार ने महिलाओं को स्वरोज़गार के नए अवसर देने के लिए कई कदम उठाए हैं। मुद्रा योजना के तहत अब तक 25 करोड़ से ज्यादा ऋण दिए जा चुके हैं, जिसमें से लगभग 70 प्रतिशत ऋण महिला उद्यमियों को मिले हैं।”
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किसानों के लिए सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ”मेरी सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशों को लागू करते हुए लागत से डेढ़ गुना MSP देने का फैसला भी किया था। मेरी सरकार आज न सिर्फ MSP पर रिकॉर्ड मात्रा में खरीद कर रही है बल्कि खरीद केंद्रों की संख्या को भी बढ़ा रही है।”
उन्होंने कहा, ”मेरी सरकार की प्राथमिकताओं में ये छोटे और सीमांत किसान भी हैं। ऐसे किसानों के छोटे-छोटे खर्च में सहयोग करने के लिए पीएम किसान सम्मान निधि के जरिए उनके खातों में लगभग 1,13,000 करोड़ से अधिक रुपए सीधे ट्रांसफर किए जा चुके हैं।”
कोविंद ने कहा कि कृषि को और लाभकारी बनाने के लिए केंद्र सरकार आधुनिक कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिए एक लाख करोड़ रुपए के एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की शुरुआत की गई है।
राष्ट्रपति ने कोरोना संकट से प्रभावित MSMEs के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की। उन्होंने कहा, ”तीन लाख करोड़ रुपए की इमरजेंसी क्रेडिट गारंटी योजना, मुश्किल में फंसे MSMEs के लिए 20 हजार करोड़ की विशेष योजना और Fund of Funds जैसे प्रयासों ने लाखों लघु उद्यमियों को लाभ पहुंचाया है।”
उन्होंने साथ ही कहा, ”मैन्युफेक्चरिंग से जुड़े 10 सेक्टर्स के लिए पहली बार देश में लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपए की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम लागू की गई है। इसका लाभ इलेक्ट्रॉनिक्स सहित अनेक दूसरे सामान की मैन्युफेक्चरिंग में दिखने भी लगा है।”