Coolie No. 1 Review: वरुण धवन-सारा अली ख़ान को लिया, मगर अपडेट करना भूल गये डेविड धवन
अमेज़न प्राइम वीडियो पर 24 दिसम्बर की मध्यरात्रि रिलीज़ हुई ‘कुली नम्बर 1’ इस साल आयीं उन बड़ी फ़िल्मों की सीरीज़ में आख़िरी फ़िल्म है, जो बनायी तो सिनेमाघरों के लिए गयी थीं, मगर कोरोना वायरस पैनडेमिक में सिनेमाघरों की तालाबंदी के चलते ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर उतार दी गयीं।
वरुण धवन और सारा अली ख़ान की मुख्य भूमिकाओं वाली नई ‘कुली नम्बर 1’ डेविड धवन की अपनी ही 1995 में इसी नाम से आयी गोविंदा और करिश्मा कपूर स्टारर फ़िल्म का रीमेक है। यानी पहली ‘कुली नम्बर 1’ और नई ‘कुली नम्बर 1’ में पूरे 25 साल का फ़ासला है। इस दौरान तकनीक बदली है। सिनेमा में कहानी कहने का अंदाज़ और दर्शकों को मिज़ाज बदला है, मगर ‘कुली नम्बर 1’ के रीमेक संस्करण में इस फ़ासले का रत्तीभर भी एहसास नहीं होता। नई स्टार कास्ट और अधिक भव्य सेटअप में फ़िल्म वहीं खड़ी नज़र आती है, जहां पुरानी ‘कुली नम्बर 1’ छोड़ी थी।
बदले हुए किरदारों के साथ कहानी वही है। गोवा का अमीर होटल मालिक जेफरी रोज़ारिया (परेश रावल) अपनी बेटियों सारा (सारा अली ख़ान) और अंजू (शिखा तलसानिया) की शादी के लिए अमीर लड़के की खोज कर रहा है। मैचमेकर पंडित जय किशन (जावेद जाफ़री) एक रिश्ता लेकर आता है, मगर अपने मुक़ाबले कम अमीर परिवार को रोज़ारिया बेइज़्ज़त करके घर से निकाल देता है। इसस आहत जय किशन उससे बदला लेने की ठान लेता है और कुली राजू (वरुण धवन) को कुंवर राज प्रताप सिंह बनाकर सारा से शादी करवाने की योजना बनाता है।
एक घटनाक्रम में राजू सारा की तस्वीर देखकर उस पर फिदा हो चुका होता है और अपनी दुल्हन बनाना चाहता है। लिहाज़ा, जय किशन जब उसके सामने सारा से शादी करने का प्रस्ताव रखता है तो राजू तैयार हो जाता है। हालांकि, अपनी सच्चाई छिपाने पर उसे थोड़ी हिचक होती है, मगर जय किशन ‘प्यार में सब जायज़ है’ के आधार पर उसे मना लेता है।
कुंवर का स्टेटस देख रोज़ारिया लट्टू हो जाता है और सारा से उसकी शादी करवा देता है। इसके बाद राजू अपना झूठ छिपाने के लिए जो करता है, उससे हास्य पैदा करने की कोशिश की गयी है। अपने झूठ को छिपाने के लिए राजू को जुड़वां भाई होने का स्वांग भी करना पड़ता है और उसकी ज़िंदगी राजू और राज कुंवर राज प्रताप सिंह के बीच झूलती रहती है।
‘कुली नम्बर 1’ का स्क्रीनप्ले रूमी जाफरी ने लिखा है, जबकि संवाद फरहाद सामजी के हैं, जिन्होंने प्लम्बर के रोल में कैमियो भी किया है। साल 2020 में ‘कुली नम्बर 1’ उस दर्शक के लिए बनायी गयी है, जिसके हाथ में अब स्मार्टफोन आ चुका है और गूगल उसकी ज़िंदगी की सच्चाई बन चुका है। मगर, ‘कुली नम्बर 1’ की पटकथा में तकनीक के इस पहलू को पूरी तरह नज़रअदाज़ कर दिया गया है।
फ़िल्म की नायिका अपनी समस्या बताने के लिए अपने पिता को वीडियो कॉल तो करती है, मगर शादी से पहले सिंगापुर के सुपर रईस कुंवर प्रताप सिंह के बारे में गूगल नहीं कर सकती। (मासूमियत की इंतेहा!) मुंबई के स्टेशन पर कुली का काम करने वाला राजू चक्कों वाले सूटकेसों को भी सिर पर उठाकर चलता है, क्या डेडिकेशन है भाई!
गोवा का क्रिश्चियन परिवार एक पंडित के ज़रिए अपनी बेटियों के लिए दूल्हे ढूंढ रहा है, वहीं क्रिश्चियन वेडिंग करने वाली सारा पति के लापता होने पर उसकी सकुशलता की मन्नत मांगने मंदिर जाती है। (वाह, क्या सीन है!) गोवा में फाइव स्टार हॉलीडे रिजॉर्ट चलाने वाला अमीर व्यावसायी आपातकालीन स्थिति में भी सफ़र करने के लिए फ्लाइट के बजाय ट्रेन को प्राथमिकता देता है। (नहीं तो स्क्रीनप्ले में ट्विस्ट कैसे आता!)
‘कुली नम्बर 1’ की पटकथा में ऐसे झोल इसे आउटडेटेड बनाते हैं और वरुण धवन की सारी एनर्जी और टाइमिंग पटकथा के गड्ढों को भरने में ही ख़र्च हो जाती है। राजू और कुंवर राज प्रताप सिंह के ट्रासंफॉर्मेंशन को वरुण ने बड़ी सहजता के साथ अंजाम दिया है। कई दृश्यों को ऊबाऊ होने से बचाया है। जुड़वां भाई वाली सीक्वेंस में मिथुन चक्रवर्ती की मिमिक्री और स्टाइल हो या शाह रुख़ ख़ान, सलमान ख़ान, नाना पाटेकर और दिलीप कुमार के अंदाज़ को कॉपी करना, वरुण ने इन दृश्यों को ह्यूमरस रखने की भरपूर कोशिश की। (इन दृश्यों पर थोड़ा मुस्कुरा सकते हैं!)
नायिका सारा अली ख़ान की यह चौथी फ़िल्म है। सारा के अभिनय में फ्रेशनेस है, मगर 21वीं सदी के दूसरे दशक में ऐसे किरदारों में वो मिसफिट लगती हैं। विशुद्ध मसाला फ़िल्म करने का लोभ ठीक है, मगर ‘कुली नम्बर 1’ में नायिका का किरदार आउटडेटेड वर्ज़न है, जो अब गले नहीं उतरता।
वरुण के अंकल वेटरन एक्टर अनिल धवन ने फ़िल्म में महेंद्र प्रताप सिंह का किरदार निभाया है, जिसका विशाल बंगला रोज़ारिया को दिखाकर ही राजू और सारा की शादी करवायी जाती है। महेंद्र प्रताप के बेटे महेश आनंद के रोल में विकास वर्मा हैं, जो नेगेटिव किरदार है। इस किरदार की वजह से ही फ़िल्म का क्लाइमैक्स राजू के पक्ष में जाता है। सहयोगी कलाकारों में परेश रावल, जावेद जाफरी, जॉनी लीवर (पुलिस इंस्पेक्टर), शिखा तलसानिया, साहिल वैद्य (राजू का दोस्त दीपक) और राजपाल यादव (सारा का मामा) की मौजूदगी निराश नहीं करती।
फ़िल्म की सबसे अच्छी बात यह है कि पुरानी फ़िल्म के सुपरहिट गानों ‘तुझको मिर्ची लगी’ और ‘हुस्न है सुहाना’ के पुराने फ्लेवर को नहीं छेड़ा गया है। हालांकि, यह छेड़छाड़ पटकथा में ज़रूर होनी चाहिए थी। अभिजीत भट्टाचार्य, कुमार शानू और अल्का याग्निक को फिर सुनना अच्छा लगता है। ‘मम्मी कसम’ गाने में उदित नारायण की आवाज़ का इस्तेमाल भी पुरानी यादों में ले जाता है। ‘कुली नम्बर 1’ पुरानी फ़िल्म से अधिक भव्य और आलीशान है, मगर बेहतर वर्ज़न नहीं।
कलाकार- वरुण धवन, सारा अली ख़ान, परेश रावल, शिखा तलसानिया, राजपाल यादव, साहिल वैद्य, अनिल धवन, विकास वर्मा आदि।
निर्देशक- डेविड धवन
निर्माता- वाशु भगनानी, जैकी भगनानी आदि।
अवधि- 2 घंटा 14 मिनट
वर्डिक्ट- **1/2 (ढाई स्टार)