विवादों से रहा है अमनमणि का पुराना नाता, ठेकेदार के अपहरण और रंगदारी के मामले में कोर्ट कल सुनाएगी फैसला
महराजगंज जिले के नौतनवां विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी का विवादों से पुराना नाता रहा है। जेल में बंद पूर्व मंत्री व मधुमिता हत्याकांड में उम्र कैद की सजा काट रहे अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमन पर पत्नी सारा की हत्या का भी आरोप है। सारा की मौत की जांच सीबीआइ ने की थी। सीबीआइ कोर्ट में इस मामले में गवाही चल रही है। दूसरी ओर, अपहरण के एक आपराधिक मामले में अमनमणि त्रिपाठी व अन्य अभियुक्तों के मुकदमे की सुनवाई पूरी कर एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। विशेष जज पवन कुमार राय ने फैसले के लिए 30 सितंबर की तारीख तय की है। अपहरण का यह मामला राजधानी के गौतमपल्ली थाने में दर्ज है।
छह अगस्त, 2014 को इसकी एफआइआर गोरखपुर के ठेकेदार ऋषि कुमार पांडेय ने दर्ज कराई थी। 28 जुलाई, 2017 को अदालत ने इस मामले में अमनमणि, संदीप त्रिपाठी व अभियुक्त रवि शुक्ला पर इस ठेकेदार की हत्या के लिए अपहरण करने व रंगदारी मांगने के साथ ही जानमाल की धमकी देने के मामले में आरोप तय किया था। सोमवार को विशेष अदालत में इस मामले की सुनवाई मुकम्मल हो गई। इसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया। गुरुवार को फैसले के बाद पता चलेगा कि इस मामले में कौन कौन दोषी है। हाल में ही अमन के मामा अश्वनी उपाध्याय को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था
आरोपित पर शराब की अवैध तस्करी का आरोप है, जो अमन के चिनहट स्थित फार्म हाउस पर छिपकर रहा रहा था। एसटीएफ इस दिशा में भी छानबीन कर रही है। बता दें कि नौतनवां की लक्ष्मीपुर विधानसभा सीट से अमरमणि त्रिपाठी चुनाव लड़ते रहे हैं। इसके बाद इस सीट को खत्म कर दिया गया और इसकी जगह नौतनवां को विधानसभा घोषित किया गया। खास बात यह है कि साल 2017 के यूपी चुनाव में मोदी लहर के बीच अमनमणि त्रिपाठी ने 16 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी।