दूसरों की प्रगति में योगदान देना ही तरक्की का मानदंड- मंगुभाई पटेल
मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि जीवन में दूसरों की खुशी और प्रगति में योगदान ही खुशहाली और तरक्की का मानदंड है।
राज्यपाल श्री पटेल ने पटेल पीपुल्स विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि दीक्षांत जीवन की शिक्षा और समाज की सेवा के दायित्व को ग्रहण करने की शुरूआत है। आज ली गयी शपथ को भावी जीवन में याद रखना होगा। उन्होंने कहा कि जीवन में कहीं भी रहें, कोई भी काम करें, लेकिन अपनी मातृभूमि और माता-पिता की जरूरतों का ध्यान रखें। कोई भी ऐसा कार्य नहीं करें, जो उनके सम्मान के प्रतिकूल हो।
श्री पटेल ने विद्यार्थियों से कहा कि जीवन में हमेशा मन में सीखने की इच्छा को बनाकर रखना चाहिए। ज्ञान का कोई अंत नहीं होता है। जीवन की चुनौतियों का हमेशा ज्ञान के प्रकाश में अवलोकन करें। जीवन की शिक्षा का पहला सूत्र है कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। निरंतर प्रयास और कड़े परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है। विपरीत परिस्थितियों में भी निष्ठावान-चरित्र, व्यापक-सोच, आत्म-विश्वास और अथक-प्रयासों से असंभव भी संभव होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम पीढ़ी-निर्माण के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया है। उन्होंने युवाओं को बंधन मुक्त शिक्षा के द्वारा अपने हौंसलों से सफलता की अनंत ऊँचाइयों को छूने का अवसर दिया है।
उन्होंने कहा कि आधुनिकता के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ प्रगतिशील सोच भी जरूरी है, जो हर वर्ग की बराबरी और भाईचारे के साथ समाज को आगे बढ़ाये। विश्वविद्यालयों का दायित्व है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति अनुरूप शैक्षणिक गुणवत्ता, व्यावसायिक दक्षता, अनुसंधान और मौलिक शोध के अनुकूल वातावरण बनायें। प्रतिभावान छात्रों को उनकी पूर्ण क्षमता का अहसास करा कर, सामाजिक चुनौतियों के समाधान खोजने की प्रेरणा और प्रोत्साहन दें। छात्र-छात्राओं को समाज के पिछड़े, वंचित वर्गों के कल्याण के प्रति सामाजिक सरोकारों में सहभागिता की अनुभूति और अनुभव दिलायें।