27 November, 2024 (Wednesday)

कांग्रेस सदन से सड़क तक लड़ेगी ओबीसी वर्ग की लड़ाई : मुख्यमंत्री कमलनाथ

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण से जुड़े उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद राज्य सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार इस वर्ग को आरक्षण का लाभ दिलाना ही नहीं चाहती थी और अब कांग्रेस सदन से लेकर सड़क तक इस वर्ग की लड़ाई लड़ेगी।

श्री कमलनाथ ने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि राज्य सरकार का ओबीसी वर्ग विरोधी चेहरा आज एक बार फिर सामने आ गया है। सरकार शुरू से ही नहीं चाहती थी कि ओबीसी वर्ग को किसी भी आरक्षण का लाभ मिले , इसको लेकर तमाम हथकंडे व तमाम साजिशें रची जा रही थी।

उन्होंने दावा किया कि उनकी 15 माह की सरकार ने ओबीसी वर्ग के हित व कल्याण के लिए उनके आरक्षण को 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी किया था, पर उनकी सरकार जाने के बाद वर्तमान सरकार ने एक ग़लत अभिमत देकर इस निर्णय को भी कई माह तक रोके रखा। बाद में जब कांग्रेस ने इसकी लड़ाई लड़ी तो सरकार ने अपनी गलती को सुधार कर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के निर्णय को लागू किया।

पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि पंचायत चुनाव, नगरीय निकाय चुनाव में भी राज्य सरकार नहीं चाहती कि ओबीसी वर्ग को बढ़े हुए आरक्षण का लाभ मिले, इसलिए पूर्व में भी पंचायत चुनाव में इस तरह की पेचीदगी डाली गयी।

उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने लंबी लड़ाई लड़ भाजपा सरकर की इस साज़िश को फेल कर दिया था। अभी भी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत समय रहते ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रियाओं को पूरा नही किया, आधी-अधूरी रिपोर्ट व ग़लत तरीक़े से आधे-अधूरे आँकड़े पेश किये और उसके बाद भी और समय मांगने पर सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी भी की थी कि आपने समय रहते जब कार्रवाई पूरी नहीं की तो अब आगे आप क्या करेंगे।

उन्होंने कहा कि यदि भाजपा सरकार मजबूती से न्यायालय में ओबीसी वर्ग का पक्ष रखती, तो निश्चित तौर पर आज ओबीसी वर्ग को उनके बढ़े हुए आरक्षण का लाभ मिलता। सरकार ने इसे लेकर कोई गंभीर प्रयास नहीं किए, लेकिन कांग्रेस ओबीसी वर्ग को बढ़े आरक्षण का लाभ दिलाने संकल्पित है और बगैर ओबीसी आरक्षण के मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव व नगरीय निकाय चुनाव नहीं होना चाहिये।

कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष श्री कमलनाथ ने कहा कि इसको लेकर कांग्रेस ओबीसी वर्ग के साथ है। पार्टी आज आये फ़ैसले का अध्ययन करेगी, विधि विशेषज्ञों से चर्चा करेगी। सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ेगी।

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