कांग्रेस को जल्द मिल सकता है अपना नियमित अध्यक्ष! सीडब्ल्यूसी चुनाव को दे सकती है मंजूरी
कांग्रेस कार्य समिति (Congress Working Committee) की बैठक 16 अक्टूबर को होने वाली है। इस बैठक में कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। वहीं, सूत्रों ने कहा कि इस दौरान लंबे समय से की जा रही संगठनात्मक चुनावों को भी मंजूरी दी जा सकती है। राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद से कांग्रेस को अपना नियमित अध्यक्ष नहीं मिला है। अगस्त 2019 से सोनिया गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष हैं।
वहीं, कांग्रेस जी-23 नेताओं ने भी पार्टी में संगठनात्मक चुनावों का मुद्दा बार-बार उठाया है। केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण ने पहले ही मतदाताओं की सूची जमा कर दी है और एआइसीसी सदस्यों के लिए डिजिटल कार्ड तैयार किए गए हैं जो पार्टी अध्यक्ष के चुनाव में मतदान करेंगे। हालांकि, G-23 ने एक नई मतदाता सूची की मांग की है। सीडब्ल्यूसी के पास नए अध्यक्ष को हटाने या नियुक्त करने की शक्ति होती है, लेकिन किसी भी बदलाव के लिए दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है। कार्यसमिति ने 1998 में तत्कालीन पार्टी प्रमुख सीताराम केसरी को हटाने के बाद सोनिया गांधी को अध्यक्ष नियुक्त किया था।
जी-23 के सूत्रों का कहना है कि उनके पास रणनीति तैयार करने और सीडब्ल्यूसी में अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने का समय है। हालांकि, समूह सीडब्ल्यूसी में अल्पमत में है और यह संभावना नहीं है कि वे सोनिया गांधी की मंजूरी के बिना कुछ कर सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि अगर राहुल गांधी चुनाव लड़ने के लिए राजी हो जाते हैं, तो यह संभावना नहीं है कि कोई मुकाबला होगा। एक सूत्र ने कहा, ‘गुलाम नबी आजाद ने सीडब्ल्यूसी की बैठक के लिए सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा था, लेकिन समूह अल्पमत में है और यह संभावना नहीं है कि वे अपनी पसंद के किसी भी प्रस्ताव को आगे बढ़ा सकते हैं।’
सीडब्ल्यूसी संविधान कहता है, ‘कार्यसमिति में कांग्रेस के अध्यक्ष, संसद में कांग्रेस पार्टी के नेता और 23 अन्य सदस्य शामिल होंगे, जिनमें से 12 सदस्यों का चुनाव एआइसीसी द्वारा कार्यसमिति के निर्धारित नियमों के अनुसार किया जाएगा और बाकी की नियुक्ति अध्यक्ष द्वारा की जाएगी।
पिछले साल पार्टी में सुधारों को लेकर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले गुलाम नबी आजाद, मुकुल वासनिक और आनंद शर्मा भी सीडब्ल्यूसी सदस्यों में से हैं। जी-23 नेताओं ने हाल ही में पार्टी से कुछ हाई-प्रोफाइल नेताओं के हटने का मुद्दा भी उठाया था, जिसका अबतक कोई समाधान नहीं किया गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पार्टी नेतृत्व पर हमला करते हुए पूछा था कि पार्टी में कौन निर्णय ले रहा है। उन्होंने कहा कि पत्र लिखे जाने के एक साल बाद भी संगठनात्मक चुनाव की मांग पूरी नहीं की गई है।