कांग्रेस में राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश से राज्यसभा में भेजने पर मंथन, ये नाम हैं रेस में आगे
राज्यसभा चुनाव की चुनौती से निपटने के लिए कांग्रेस विवेक तन्खा को मध्य प्रदेश की बजाए छत्तीसगढ़ से राज्यसभा भेजने पर मंथन कर रही है। किसी बड़े प्रदेश से राज्यसभा पहुंचने की मंशा के चलते गुलाम नबी आजाद को मध्य प्रदेश और प्रियंका गांधी वाड्रा को राजस्थान से सदन में भेजा जा सकता है। इस तरह मप्र में तन्खा की खाली हो रही सीट के लिए अरुण यादव और अजय सिंह की दावेदारी अब कमजोर पड़ गई है।
दिल्ली दरबार में बढ़ा कमल नाथ का कद, हर फैसले में भागीदार
राज्यसभा चुनाव को लेकर भोपाल से दिल्ली तक हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस में असंतुष्ट जी-23 नेताओं की सक्रियता और अहमद पटेल के निधन के बाद पार्टी के केंद्रीय संगठन में बदलते समीकरणों के बीच कमल नाथ और उनके खेमे का कद लगातार बढ़ता जा रहा है। असंतुष्टों के रुख की नरमी का जिम्मा कमल नाथ ने लिया है, तो उसका असर भी खेमे के मौन के रूप में सामने आया है। वहीं, मध्य प्रदेश में भी कमल नाथ प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी एक साथ निभा रहे हैं, जिस पर सवाल उठने के बाद भी कोई परिवर्तन नहीं हो सका।
तीनों नामों पर शीर्ष नेतृत्व जल्द ही मुहर लगाएगा
इधर, राज्यसभा चुनाव में तन्खा की जगह अरुण यादव और अजय सिंह की दावेदारी को भी गुलाम नबी आजाद को लाकर सिरे से खारिज करने की तैयारी है। नाथ खेमे की मानें तो इस संबंध में कमल नाथ और अरुण यादव की सोमवार को कमल नाथ के आवास पर हुई बैठक से पहले अलग से चर्चा भी हो चुकी है। तन्खा को राज्यसभा में बरकरार रखने के लिए उन्हें छत्तीसगढ़ से भेजा जाएगा। सूत्र बताते हैं कि कोई उठा-पटक नहीं हुई तो कमल नाथ के इस फार्मूले के आधार पर इन तीनों नामों पर शीर्ष नेतृत्व जल्द ही मुहर लगा देगा।
मध्यप्रदेश : जून में राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा सहित तीन सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। मप्र विधानसभा में कांग्रेस के 96 विधायक हैं।
राजस्थान : चार सीटें जुलाई में खाली हो रही हैं। चारों सांसद भाजपा से हैं। विधानसभा में कांग्रेस के 108 विधायक हैं।
छत्तीसगढ़ : जून में दो सीटें खाली हो रही हैं। दोनों सांसद भाजपा से हैं। विधानसभा में कांग्रेस के 70 विधायक हैं। अब ये सीटें कांग्रेस को मिलेंगी।