23 November, 2024 (Saturday)

कंपनियों को कोरोना काल में मिल सकती है इस मोर्चे पर रिलीफ, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी जानकारी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार इन्सॉल्वेंसी बैंकरप्सी कानून (IBC) के तहत किसी भी तरह की नई कार्रवाई को और तीन महीने के लिए निलंबित रखने की योजना बना रही है। सरकार के इस कदम से कर्ज लेने वाली ऐसी कंपनियों को राहत मिलेगी, जिनका कामकाज कोरोनावायरस की वजह से प्रभावित हुआ है। वित्त मंत्री ने सोमवार को बेंगलुरु चैंबर ऑफ इंडस्ट्री एंड कॉमर्स (बीसीआईसी) को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने कंपनियों और लोगों की मदद के लिए कई तरह के कदम उठाए हैं। इसके तहत टैक्स जमा करने की समयसीमा को भी बढ़ाया गया है। उल्लेखनीय है कि सीतारमण के पास कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय की भी जिम्मेदारी है।

वित्त मंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ”अनुपालन के साथ-साथ टैक्स के भुगतान की मियाद आगे बढ़ाकर भी रिलीफ दी गयी है। इन सबका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी को भी किसी तरह की दिक्कत ना हो।”

उन्होंने बताया कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत सरकार ने आईबीसी के तहत कार्रवाई शुरू करने के मामले में फंसे कर्ज की न्यूनतम सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये कर दी थी। इससे मुख्य रूप से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (MSMEs) को कर्ज लौटाने में चूक को लेकर दिवाला कानून के तहत किसी भी तरह की कार्रवाई से राहत मिलेगी।

सीतारमण ने कहा, ”इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के तहत नया मामला लाने की कार्रवाई को निलंबित रखने की मियाद को भी 25 दिसंबर से और तीन महीने के लिए यानी 31 मार्च 2021 तक निलंबित किया जा सकता है।”

बकौल वित्त मंत्री इस तरह पूरे साल आईबीसी निलंबित रहेगा। हर उद्योग महामारी के कारण संकट से गुजरा है। ऐसे में महामारी के दौरान किसी को भी आईबीसी प्रक्रिया की ओर खींचना ठीक नहीं होता।

आईबीसी से जुड़ी नई कार्रवाई को निलंबित रखने को लेकर सरकार द्वारा जून में अध्यादेश लाया गया था। यह 25 मार्च, 2020 से प्रभाव में आया। देश भर में उसी दिन ‘लॉकडाउन’ लगाया गया था। संसद ने इस साल सितंबर में आईबीसी में संशोधन से जुड़े विधेयक को मंजूरी दे दी जिसने अध्यादेश का स्थान लिया।

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