नौकरशाहों के लिए नागरिक अनुकूल दृष्टिकोण ही एकमात्र विकल्प: डा. सिंह
कार्मिक, जन शिकायत और पेंशन मामलों के केन्द्रीय राज्य मंत्री डा. जितेन्द्र सिंह ने कहा है कि नागरिकों के प्रति नौकरशाहों के दृष्टिकोण से ही आजादी के सौ साल बाद 2047 में देश के शासन मॉडल का निर्धारण किया जायेगा।
डा. सिंह ने बुधवार को यहां विज्ञान भवन में 15 वें लोक सेवा दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि नये
शासन मॉडल में नौकरशाहों के लिए नागरिकों के अनुकूल दृष्टिकोण ही एकमात्र विकल्प होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र
मोदी की इस संबंध में टिप्पणी का हवाला देते हुए उन्होंने कहा , “ लोक सेवा दिवस का वास्तविक मतलब आम आदमी के प्रति समर्पण है और प्रत्येक नौकरशाह को आम आदमी के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाने का संकल्प लेना होगा।”
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय में आम आदमी की अपेक्षाएं बढी हैं और नौकरशाहों को अपनी भविष्य की
भूमिका को लेकर गंभीरता के साथ चिंतन करना होगा। उन्होंने कहा कि हमें विशेष रूप से ऐसे अधिकारियों पर
ध्यान देना होगा जिनकी सेवा के 25 वर्ष बचे हुए हैं और मौजूदा अधिकारियों को भारत को मजबूत और अग्रिम
पंक्ति का राष्ट्र बनाने के लिए इनकी क्षमता तथा दक्षता बढाने में मदद करनी होगी।
महत्वपूर्ण योजना मिशन कर्मयोगी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि नौकरशाहों को नये और चुनौतीपूर्ण कार्यों
के लिए अपने आप को तैयार करना होगा क्योंकि सरकार की ज्यादातर प्रमुख योजनाएं विज्ञान और प्रौधोगिकी पर
आधारित हैं।
कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने कहा कि ‘लोक सेवक दिवस’ समारोह मनाने के साथ साथ आत्मचिंतन का भी
दिन होता है। उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिलों में जो बदलाव हो रहा है उससे साबित होता है कि निगरानी के आधार पर कल्याणकारी योजनाओं का लाभ कैसे अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाया जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस समारोह को गुरूवार को संबोधित करेंगे।