चुनाव में मुफ्त उपहार के वादों के खिलाफ आज SC में सुनवाई, कांग्रेस, सपा और बसपा के सदस्यों को अयोग्य घोषित करने की मांग
चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा मतदाताओं को लुभाने के लिए मुफ्त उपहार के वादे किए जाते हैं। इसको लेकर राजनीतिक दलों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। इस याचिका पर गुरुवार को याचिका पर सुनवाई होगी। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस एएस बोपन्ना और हेमा कोहली की पीठ ने मामले को कल तक के लिए स्थगित कर दिया। अधिवक्ता बरुण कुमार सिन्हा ने मामले की जल्द सुनवाई की मांग की है।
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘जब चुनाव खत्म हो जाए और वह सब भूल जाओ। अदालतें क्या करेंगी, चुनाव रोक दें? चुनाव में रिश्वत हर जगह हो रही है। हम यह जानते हैं। यह किसी विशेष राज्य के लिए नहीं है। आपको अदालत के सामने साबित करना होगा।’
हिंदू सेना के उपाध्यक्ष ने दायर की याचिका
हिंदू सेना के उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने ये याचिका दायर की है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनावों में कांग्रेस, सपा, बसपा और आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा किए गए वादों से वह दुखी हैं। जनहित याचिका में विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा मतदाताओं और जनता से किए मुफ्त उपहार के वादों को चुनौती दी गई है।
याचिका में कांग्रेस, सपा और आप द्वारा खड़े किए गए सभी सदस्यों को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है। उन्होंने इन दलों के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए निर्देश देने की भी मांग की है।
25 जनवरी को हुई थी सुनवाई
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में 25 जनवरी को सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया था। नोटिस में चार हफ्ते के भीतर जवाब मांगा गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इसको लेकर चार हफ्ते में जवाब मांगा है। ये याचिका अश्विनी कुमार उपाध्याय ने दाखिल की है।