चीन की नई बहानेबाजी, कहा- बंदरगाह में फंसे 39 भारतीयों के लिए भारत से तल्ख रिश्ते जिम्मेदार नहीं



चीन ने कहा कि चीनी बंदरगाहों पर खड़े दो जहाजों में फंसे भारतीय चालक दलों के 39 सदस्यों की स्थिति से उनका कोई लेना-देना नहीं है। इस घटनाक्रम का भारत और ऑस्ट्रेलिया के साथ उसके बिगड़ते संबंधों का भी कोई सरोकार नहीं है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने शुक्रवार को मीडिया से कहा कि हम बार-बार बता चुके हैं कि क्वारंटाइन को लेकर चीन में स्पष्ट नियम हैं।
जहाजों में फंसे भारतीय चालक दलों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस बात का भारत, चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच मौजूदा हालात का कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि चीन लगातार भारतीय पक्ष के संपर्क में है और उनकी अपीलों पर गौर कर रहा है। साथ ही साथ उन्हें जरूरी मदद भी मुहैया कराई जा रही है।
उन्होंने बताया कि क्वारंटाइन की शर्तों का पालन करते हुए चीन चालक दल के सदस्यों को बदलने की अनुमति देता है लेकिन चीनी बंदरगाह जिंगतैंग पर यह सुविधा देने का प्रावधान नहीं है। लेकिन वांग ने कोफीडियन बंदरगाह में फंसे 16 भारतीयों के संदर्भ में कुछ नहीं कहा है। उन्होंने कहा कि और स्पष्ट जानकारी के लिए आप लोगों को स्थानीय प्रशासन से संपर्क करना होगा।
इससे पहले, नई दिल्ली में विगत गुरुवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि दो मालवाहक जहाजों में 39 भारतीय चालक दल के सदस्य चीनी जल क्षेत्र में फंसे हुए हैं। चूंकि इन मालवाहक जहाजों को अपना सामान अनलोड नहीं करने दिया जा रहा है, जबकि कुछ अन्य जहाजों को ऐसा करने दिया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि उनके खराब हालात को देखते हुए इन भारतीय सदस्यों पर अत्यधिक दबाव है।
उन्होंने बताया कि मालवाहक जहाज एमवी जग आनंद चीन के हेबई प्रांत के जिंगतैंग बंदरगाह पर 13 जून से चालक दल के 23 सदस्य फंसे हैं। दूसरी ओर, मालवाहक जहाज एमवी अनसतेसिया चीन के कोफीडियन बंदरगाह पर बीस सितंबर से फंसा हुआ है। इस जहाज पर भी 16 भारतीय सवार हैं जो चालक दल के सदस्य हैं। बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास लगातार चीनी प्रशासन के संपर्क में है ताकि भारतीय दल की सुरक्षित वापसी कराई जा सके।