चुनौतियों से भरा रहा अमेरिकी राष्ट्रपति का एक वर्ष का कार्यकाल, जानें- बाइडन ने किसे बताया सबसे बड़ा दुश्मन
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यकाल का एक वर्ष पूरा हो गया है। इस मौके पर उन्होंने प्रेस को संबोधित करते हुए इस एक वर्ष के दौरान सामने आई ढेरों चुनौतियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने राष्ट्रपति पद संभाला था तब कोरोना महामारी चरम पर थी और केवल 20 लाख लोगों को वैक्सीन की खुराक मिल सकी थी । लेकिन, आज जब राष्ट्रपति के तौर पर एक वर्ष पूरा हो चुका है तो देश के 210 मिलियन लोगों को पूरी तरह से वैक्सीनेट कर दिया गया है। बाइडन ने इसको एक बड़ी उपलब्धि बताया, लेकिन साथ ही कहा कि देश में आज भी ओमिक्रोन वैरिएंट की समस्या तेजी से बढ़ रही है, जिससे निपटने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
बाइडन ने कहा कि एक वर्ष के दौरान आई चुनौतियों का सामना करते हुए हमनें काफी कुछ अर्जित किया है। कोरोना महामारी हो या वोट का अधिकार या देश में वैक्सीनेशन कार्यक्रम सभी पर उन्होंने बेबाकी से अपनी राय रखी। व्हाइट हाउस में हुई इस प्रेस कांफ्रेंस में बाइडन ने कहा कि मौजूदा समय में देश में फैली कोरोना महामारी में ओमिक्रोन की सबसे बड़ी भूमिका है। देश में सामने आ रहे कुल मामलों में करीब 99 फीसद मामलों में यही जिम्मेदार है। इसको देखते हुए सरकार ने एक वेबसाइट लान्च की है जिस पर कोरोना के मुफ्त में चेकअप और टेस्ट के लिए साइनअप किया जा सकता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि वो जानते हैं कि महामारी के दौर में लोगों के मन में कई तरह की आशंकाएं जन्म ले चुकी हैं। लोगों में गुस्सा भी है। उन्होंने कोरोना को देश का सबसे बड़ा दुश्मन और सबसे बड़ी चुनौती बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि देश अब इसका सामना करने के लिए पहले से बेहतर स्थिति में है। देश में र्प्याप्त दवाएं हैं और वैक्सीन के अलावा टेस्टिंग किट भी र्प्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। उनके मुताबिक करीब 75 फीसद व्यस्कों को पूरी तरह से वैक्सीनेट कर दिया गया है। मौजूदा समय में साढ़े तीन करोड़ व्यस्क ऐसे हैं जिनको वैक्सीन की एक भी खुराक नहीं मिल सकी है। इसको पूरा करने के लिए हर माह 90 लाख वैक्सीन और लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इस मौके पर उन्होंने उन लोगों से वैक्सीन लेने की अपील की जिन्होंने अब तक ये नहीं ली है। साथ ही उन्होंने कहा कि जो लोग इसकी बूस्टर डोज के योग्य हैं वो उसे भी लें।
महंगाई के मुद्दे पर बात करते हुए राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि इसको कम करना एक बड़ी चुनौती रही है। सरकार ने विभिन्न उद्योगों के बीच प्रतियोगिता को बढ़ावा देने का काम किया है। मीट प्रोसेसिंग, रेल, रोड, शिपिंग और दूसरे क्षेत्रों में ओवर टाइम ने प्रतियोगिता को कम किया है। छोटे उद्योगों को इस दौरान नुकसान भी उठाना पड़ा है।