23 November, 2024 (Saturday)

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को डाक्टरों की चेतावनी, कहा- दोहरा रहे डेल्टा से आई दूसरी लहर की गलतियां

देशभर के डाक्टरों ने कोरोना महामारी की तीसरी लहर के दौरान बेवजह दवा लेने और मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने पर चिंता जताई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को लिखे खुले पत्र में 35 डाक्टरों के समूह ने कहा है कि संक्रमितों की जांच, दवा और अस्पताल में भर्ती करने का फैसला वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर किया जाना चाहिए। डाक्टरों ने मंत्रालय इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने को भी कहा है।

डाक्टरों ने कहा है कि पिछले साल डेल्टा वैरिएंट के चलते आई दूसरी लहर के दौरान जिस तरह की अफरा–तफरी हमने दिखाई थी, तीसरी लहर में भी उसी तरह की गलती दोहराई जा रही है। खुले पत्र में डाक्टरों ने तीन मुख्य बिंदुओं को लेकर चिंता जताई है। अनुचित दवा, बेवजह जांच और बिना वजह अस्पताल में मरीजों को भर्ती किया जाना।  पत्र में चिकित्सकों ने कहा है कि ज्यादातर मरीजों में संक्रमण के हल्के लक्षण हैं या लक्षण है ही नहीं। ऐसे मरीजों को या तो दवा की जरूरत ही नहीं है या फिर बहुत ही हल्की दवा की आवश्यकता है। परंतु, पिछले दो हफ्ते से उन लोगों को जो देखने को मिल रहा है उसमें ऐसे मरीजों को भी गंभीर रोगियों वाली दवाएं लिखी जा रही हैं। बिटामिन की गोलियां, एजिथ्रोमाइसिन, डाक्सीसाइक्लिन, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्लिन, फेविपिराविर और आइवरमेक्टिन जैसी दवाइयां लिखी जा रही हैं। ऐसी दवाइयों से नुकसान के सिवा कुछ नहीं होगा जैसा कि डेल्टा लहर के दौरान देखने को मिला था।

पत्र में कहा गया है कि अनुचित दवाइयों के चलते ही भारत में म्यूक्रोमायकोसिस और ब्राजील में एस्परगिलोसिस जैसी बीमारियां देखने को मिली थीं। पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में शामिल मेंगलुर स्थित येनेपोया डीम्ड यूनिवर्सिटी के डा. अनंत भान ने कहा कि बिना लक्षण या हल्के लक्षण वाले मरीजों को बिना वजह दवा लेने या जांच कराने से बचने की सलाह दी जानी चाहिए।

कोरोना के इलाज में फैंसी दवाओं का सहारा न लें : डा. नायर

बीएलके मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में छाती एवं श्वसन रोग विभाग के प्रमुख डा. संदीप नायर ने भी कोरोना के मरीजों को बेवजह दवा लेने से बचने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि बिना लक्षण वाले मरीजों को तो किसी प्रकार की दवा लेने की जरूरत ही नहीं है वो अपने ही ठीक हो जाएंगे। डा. नायर ने कहा कि उनका बिना लक्षण वाले स्वस्थ्य और बेहतर प्रतिरक्षा वाले मरीजों से आग्रह है कि वे फैंसी दवाइयां लेने से बचें। हमें नहीं पता कि ऐसे मरीजों को आपातकालीन इलाज की आवश्यकता है या नहीं। बेवजह दवा लेने से आगे चलकर समस्या पैदा हो सकती है। उन्होंने कहा कि मरीजों को डाक्टर की सलाह पर ही कोई दवा लेनी चाहिए।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *