सीबीएसई की 10वीं की अंग्रेजी परीक्षा के पेपर पर विवाद, प्रियंका ने उठाया सवाल, बोर्ड ने मामले को विशेषज्ञों के पास भेजा
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की परीक्षा को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। 10वीं की अंग्रेजी के प्रश्न पत्र में दिए गए वाक्य में लैंगिक रूढि़वाद को बढ़ावा देने और पीछे ले जाने वाले विचारों का समर्थन करने का आरोप लगा है। बोर्ड ने इस मामले को विषय के जानकारों के पास भेज दिया है। गौरतलब है कि इस महीने के शुरू में 12वीं के समाजशास्त्र के प्रश्न पत्र में पूछा गया था कि 2002 में गुजरात में दंगे किस पार्टी की सरकार में हुए थे। बाद में सीबीएसई ने इसे अनुचित और अपने दिशानिर्देशों के विरुद्ध बताया था।
शनिवार को आयोजित 10वीं कक्षा की परीक्षा में प्रश्न पत्र में एक वाक्य दिया गया था। इसमें ‘महिलाओं की स्वतंत्रता ने बच्चों पर माता-पिता के अधिकार को नष्ट कर दिया’ और ‘यह केवल अपने पति के तरीके को अपनाकर ही एक मां छोटे बच्चों को अनुशासन में रख सकती थी’ समेत कुछ पंक्तियां शामिल थीं।
इस वाक्य के कई अंश इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गए। लोगों ने सीबीएसई पर सवाल उठाए और उसे महिला विरोधी और प्रतिगामी विचारों को बढ़ावा देने वाला बताया। ट्विटर पर ‘सीबीएसई इंसल्ट वोमेन’ हैशटैग ट्रेंड कर गया।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी इसमें कूद पड़ी हैं। उन्होंने ट्वीट कर प्रश्न पत्र पर आपत्ति जताई है। उन्होंने ट्वीट किया है, ‘अविश्वसनीय! क्या हम वाकई बच्चों को यह निरर्थक बात सिखा रहे हैं। स्पष्ट रूप से भाजपा सरकार महिलाओं पर इन प्रतिगामी विचारों का समर्थन करती है, अन्यथा वे सीबीएसई पाठ्यक्रम में क्यों शामिल होंगे?’
सीबीएसई ने एक बयान जारी कर कहा है कि मामले को बोर्ड की पूर्व निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार विचार के लिए विषय विशेषज्ञों के पास भेजा जाएगा। अगर विशेषज्ञ यह पाते हैं कि इस वाक्य के कई अर्थ निकलते हैं तो छात्रों के हित की रक्षा के लिए उचित कार्रवाई की जाएगी।