BSE Sensex 1545 अंक की गिरावट के साथ बंद, NSE Nifty भी 2.66 फीसद टूटा
सप्ताह के पहले दिन शेयर बाजार में कोहराम मचा रहा। BSE के 30 कंपनियों वाले इंडेक्स सेंसेक्स और NSE के इंडेक्स निफ्टी में भारी गिरावट देखी गई। सोमवार को सेंसेक्स 59,023.97 अंक पर खुला था जबकि आखिरी कारोबारी दिन यह 59,037.18 अंक पर बंद हुआ था। इसके बाद सोमवार को बाजार खुलने के साथ से ही सेंसेक्स में भारी गिरावट देखी गई, जो दिन बढ़ने के साथ ही और ज्यादा बढ़ती गई। हालांकि, बंद होने के समय तक गिरावट अपने आज से उच्च स्कोर को छूकर नीचे आई।
BSE सेंसेक्स 1545.67 अंक (2.62%) टूटकर 57,491.51 अंक पर बंद हुआ। हालांकि, दिन में कारोबार के दौरान सेंसेक्स में 1900 अंक से भी ज्यादा तक की गिरावट देखी गई थी। बाजार बंद होने पर सेंसेक्स की सभी कंपनियां लाल निशान पर कारोबार करती दिखीं। दिन में BSE का उच्च स्तर सिर्फ वही रहा, जितने पर यह खुला (59,023.97 अंक) था। इसके अलावा यह 56,984.01 के सबसे निचले स्तर तक गया था। वहीं, दूसरी ओर NSE के इंडेक्स निफ्टी का हाल भी ऐसा ही है।
बाजार बंद होने के बाद सेंसेक्स में शामिल शेयरों के हाल
सोमवार को निफ्टी 17,575.15 अंक पर खुला था, जो 468.05 अंक (2.66%) टूटकर 17,149.10 अंक पर बंद हुआ। इस दौरान बाजार खुलने के बाद यह सबसे ऊपर सिर्फ 17,599.40 अंक तक गया था जबकि यह 16,997.85 अंक के निचले स्तर तक भी पहुंच गया था। लेकिन, बाजार बंद होने तक इसने थोड़ी रिकवरी की लेकिन बावजूद इसके यह घाटे में ही रहा। इसमें CIPLA और ONGC, सिर्फ दो टॉप गेनर रहे हैं जबकि JSWSTEEL, BAJFINANCE, TATASTEEL, GRASIM और HINDALCO टॉप लूजर रहे।
एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख एस रंगनाथन ने कहा कि FED बैठक से पहले कमजोर वैश्विक संकेतों ने हाल ही में सूचीबद्ध फर्मों और उच्च FII स्वामित्व वाले शेयरों में भारी बिकवाली देखी गई। दोपहर के कारोबार में VIX 25% से अधिक चढ़ा और बीएसई सेंसेक्स 57K के निशान तक पहुंच गया तथा सभी सेक्टोरल इंडेक्स गहरे लाल रंग में थे। पिछले पांच सत्रों में निफ्टी में एक हजार अंक से अधिक की गिरावट देखी गई। निवेशक आगे चलकर उच्च अस्थिरता के लिए तैयार हैं।”
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “वैश्विक बाजारों में बिकवाली, तीसरी तिमाही के कमजोर नतीजे और बजट पूर्व घबराहट के कारण घरेलू शेयर बाजारों में भारी बिकवाली हुई। कल से शुरू होने वाली एफओएमसी की बैठक से पहले जोखिम धारणा को झटका लगा।” उन्होंने कहा, “वैसे तो सभी क्षेत्रों में गिरावट दिखी लेकिन नए जमाने की टेक कंपनियों के शेयर महंगे वैल्यूएशन के बीच मुनाफे की वृद्धि में गिरावट के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित हुए।”
विनोद नायर ने कहा, “निवेशक दो दिवसीय FED बैठक के परिणाम का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जिसमें यूएस सेंट्रल बैंक अपनी दर वृद्धि योजनाओं को लेकर स्थिति साफ कर सकता है।”