21 November, 2024 (Thursday)

BSE से कंपीटिशन करने चला NSE, ₹250 से कम वाले शेयरों के लिए बनाया 1 पैसे वाला नियम

नई दिल्ली. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) देश के दो बड़े एक्सचेंज हैं. ये दोनों भी आपस में प्रतिस्पर्धा करते हुए नजर आ रहे हैं. ज्यादातर नामी शेयर आप दोनों एक्सचेंजों पर खरीद और बेच सकते हैं. लेकिन यह भी सच है कि बीएसई पर एनएसई के मुकाबले लगभग दोगुने शेयर सूचीबद्ध हैं. ऐसे में दोनों एक्सचेंज चाहती हैं कि उनके यहां ट्रेडिंग ज्यादा हो. एक दूसरे से इसी कंपीटिशन के चलते एनएसई ने एक बड़ा फैसला लिया है. फैसला ये है कि 250 रुपये के नीचे ट्रेड हो रहे शेयर में अब टिक-साइज में आपको 1 पैसे का फर्क नजर आएगा. अभी तक आमतौर पर 5 पैसे का टिक साइज दिखता है.

एनएसई ने इसकी घोषणा तो कर दी है, जिसका सर्कुलर 24 मई को जारी किया गया, मगर यह लागू 10 जून से होगा. फैसला इतना ही है, मगर आपके लिए यह कैसे लाभदायक होगा, उसे जान लेना जरूरी है.

क्या होता है टिक साइज
टिक साइज दरअसल लगातार चल रही दो बिड्स (खरीदने का भाव) और ऑफर (बेचने के भाव) के बीच का अंतर होता है. मान लीजिए आप एक स्टॉक 151.01 रुपये (151 रुपये और 1 पैसे) के भाव में खरीदना चाहते हैं, और कोई ऐसा भी शख्स है, जो 151.01 रुपये पर ही बेचने का भी इच्छुक है. मगर अभी तक टिक साइज 5 या 10 पैसे का दिखता है. जैसे कि 151.05 या 151.10 रुपये. तो, ऐसे में बेचने वाले को ऑफर प्राइस में इसी अंतर से भाव डालना होता है और बिड लगाने वाले (खरीदने के इच्छुक ट्रेडर) को भी इसी के हिसाब से बिड लगानी होती है. एनएसई के नए फैसले से अब यह 151.01 और 151.02 भी नजर आएगा. बेचने वाला अपने हिसाब से ऑफर प्राइस डाल पाएगा और खरीदने वाला भी अपने मन मुताबिक रेट भर पाएगा.
क्या कहा एनएसई ने
एनएसई द्वारा जारी किए गए सर्कुलर के मुताबिक, एक्सचेंज पर ट्रेड होने वाली सभी सिक्योरिटीज़ पर टिक साइज में यह अंतर दिखेगा, सिवाय ईटीएफ (ETFs) के. टी+1 सेटलमेंट वाली सिक्योरिटीज़ का टिक साइज टी+0 सेटलमेंट (T0) सीरीज में भी नजर आएगा. एक्सचेंज ने जानकारी दी है कि महीने के अंतिम ट्रेडिंग दिन के क्लोजिंग प्राइस के आधार पर टिक साइज को हर महीने रिव्यू और एडजस्ट भी किया जाएगा. बता दें कि 10 जून से केवल कैश में ही यह लागू होगा, मगर 8 जुलाई से यही टिक साइज फ्यूचर स्टॉक्स में भी लागू हो जाएगा.
क्यों हो रहा है ये कंपीटिशन?
जैसा कि आप जानते हैं एनएसई और बीएसई दोनों अलग-अलग स्टॉक एक्सचेंज हैं. बड़े स्टॉक तो दोनों एक्सचेंज पर लिस्ट हैं, मगर बहुत से ऐसे स्टॉक हैं, जो केवल बीएसई पर लिस्टेड हैं, मगर एनएसई पर नहीं. 31 दिसंबर 2023 के उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक एनएसई पर कुल 2,266 स्टॉक लिस्टेड हैं. जबकि 24 जनवरी 2024 तक के उपलब्ध आंकड़ों के लिहाज से बीएसई पर 5,309 कंपनियां सूचीबद्ध हैं. ऐसे में एनएसई चाहती हैं कि उस पर भी ट्रेडिंग वॉल्यूम बीएसई के बराबर या उससे अधिक हो.
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