ED की पूछताछ के पहले BRS नेता के. कविता का दिल्ली में धरना, जंतर-मंतर पर 18 दलों के आने का किया दावा
नई दिल्ली: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता आज यानी कि शुक्रवार को महिला आरक्षण बिल के समर्थन में दिल्ली के जंतर-मंतर पर भूख हड़ताल करने जा रही हैं। उन्होंने दावा किया है कि उन्हें इस मुद्दे पर 18 विपक्षी दलों का समर्थन प्राप्त है। ED शनिवार को के.कविता से शराब घोटाले से जुड़े मामले में पूछताछ करने वाली है। उन्होंने ED की पूछताछ को भी अपनी भूख-हड़ताल से जोड़ते हुए मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला है।
18 पार्टियों ने किया कविता का समर्थन!
के. कविता शुक्रवार को एक दिन के लिए महिला आरक्षण के समर्थन में भूख हड़ताल पर बैठेंगी। उनका दावा है कि उनकी इस मुहिम में विपक्ष की कम से कम 18 पार्टियों का समर्थन हासिल है। के. कविता के मुताबिक, कांग्रेस के अलावा नेशनल कांफ्रेंस, PDP, अकाली दल, TMC, JDU, RJD, समाजवादी पार्टी, CPI, CPM, NCP, शिवसेना उद्धव गुट, JMM और AAP के नेताओं के साथ-साथ कुछ निर्दलीय सांसद और कई महिला संगठन भी धरने में शामिल होंगे।ट
कविता पर लटक रही गिरफ्तारी की तलवार
बता दें कि दिल्ली शराब घोटला मामले में मनीष सिसोदिया की तरह के. कविता पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। कई समन भेजने के बाद अब आखिरकार ED कविता से 11 मार्च को पूछताछ करने वाली है। माना जा रहा है कि इस मामले में गिरफ्तार अरुण पिल्लई और कविता को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ हो सकती है। कविता के फ्रंट मैन के तौर पर काम कर चुके अरुण पिल्लई को ED ने शराब घोटाले में गिरफ्तार किया है।
कविता के आरोपों पर सरकार का पलटवार
कविता का आरोप है कि तेलंगाना में चुनाव से पहले मोदी सरकार उनके पिता के खिलाफ राजनीतिक बदले की भावना से काम कर रही है। उनका आरोप है कि महिला आरक्षण पर धरने के एलान के बाद ही उन्हें ED का नोटिस दिया गया है और ऐसा इसलिए किया गया है ताकि देश में महिला आरक्षण पर बहस ही न हो। केसीआर की बेटी के आरोपों का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि हर मामले को तेलंगाना की जनता से जोड़ना सही नहीं है।
चुनावों में बड़ा मुद्दा बन सकता है शराब घोटाला
रेड्डी ने कविता पर तंज कसते हुए पूछा कि क्या तेलंगाना की जनता ने शराब घोटाला करने को कहा था। बता दें कि राब घोटाला इस साल तेलंगाना में होने जा रहे विधानसभा चुनावों में भी बड़ा मुद्दा बन सकता है। उसी के काट के तौर पर जांच एजेसियों का दुरुपयोग और महिला आरक्षण जैसे मुद्दे उठाकर BRS केंद्र पर पलटवार कर रही है। BRS का पलटवार कितना असरदार साबित होता है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।