भाजपा का कांग्रेस पर पलटवार, कहा- संप्रग सरकार के दौरान एबीजी को दिया गया कर्ज, हमारी सरकार ने धोखाधड़ी का पता लगाया
देश के सबसे बड़े बैंक धोखाधड़ी मामले पर सियासत तेज हो गई है। भाजपा ने यह कह कर कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया है कि एबीजी शिपयार्ड कंपनी को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान कर्ज दिया गया था और उसकी सरकार ने धोखाधड़ी का पता लगाया और कार्रवाई की। वहीं कांग्रेस ने इस मामले में कार्रवाई करने में जानबूझकर देरी करने का आरोप लगाया है। उसके राहुल गांधी ने कहा है कि मोदी सरकार के दौरान 5.35 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी हुई है।
संप्रग सरकार के दौरान दिए गए थे कर्ज
भाजपा प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य सैयद जफर इस्लाम ने कहा कि इस मामले को लेकर सरकार पर कांग्रेस का हमला, वैसे ही है जैसे चोर अपराध के लिए पुलिस को दोषी ठहरा रहा है। इस्लाम ने कहा कि 2014 में भाजपा सत्ता में आई। उससे पहले ही संप्रग सरकार के दौरान कंपनी को 22,842 करोड़ रुपये के कर्ज दिए गए थे। संप्रग सरकार के दौरान ही यह कर्ज एनपीए (फंसा हुआ पैसा) भी घोषित हो चुका था।
इसलिए लग गया समय
सैयद जफर इस्लाम ने कहा कि प्रक्रियाओं का पालन करने की वजह से इतने साल लगे। भाजपा सरकार ने तो इस धोखाधड़ी का पता लगाया और सीबीआइ केस दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार बैंकों के कामकाज में दखल नहीं देती है।
कांग्रेस ने उठाए सवाल
कांग्रेस महासचिव एवं मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कांफ्रेंस में सवाल उठाया कि एबीजी शिपयार्ड की लिक्विडेशन प्रक्रिया के बाद केस दर्ज करने में पांच साल कैसे लग गए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 15 फरवरी, 2018 को इस धोखाधड़ी का आरोप लगाया था, लेकिन मोदी सरकार ने उस पर ध्यान नहीं दिया।
राहुल ने सरकार पर बोला हमला
वहीं, राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘मोदी के दौर में अब तक 5,35,000 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी हुई है-75 वर्षो में भारत के लोगों के पैसे के साथ ऐसी धोखाधड़ी कभी नहीं हुई।’ सरकार के अच्छे दिन के नारे पर तंज कसते हुए राहुल ने ‘किसके अच्छे दिन’ हैशटैग के साथ कहा, ‘लूट और छल के ये दिन सिर्फ मोदी के दोस्तों के लिए ही अच्छे दिन हैं।’
यह वाइब्रेंट गुजरात की वास्तविकता
वहीं, गुजरात से राज्यसभा सदस्य शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि वाइब्रेंट गुजरात इंवेस्टर्स समिट के दौरान एबीजी और गुजरात सरकार के बीच समझौता हुआ था। उसी समझौते आधार पर कंपनी ने बैंकों से कर्ज लिए। उन्होंने बैंकों के साथ धोखाधड़ी को वाइब्रेंट गुजरात इंवेस्टर्स समिट की वास्तविकता बताया।