Bikru Case : लखनऊ में कृष्णानगर के तत्कालीन इंस्पेक्टर पर कार्यवाही की संस्तुति
Bikru Case : बहुचर्चित बिकरु कांड में एसआइटी ने शासन को रिपोर्ट सौंप दी है। एसआइटी की रिपोर्ट में वर्ष 2017 में कृष्णानगर कोतवाली में तैनात तत्कालीन इंस्पेक्टर का भी जिक्र है। रिपोर्ट के मुताबिक, तत्कालीन इंस्पेक्टर ने पर्यवेक्षण में लापरवाही की थी। इसके तहत तत्कालीन इंस्पेक्टर के खिलाफ लघु दंड की कार्रवाई की संस्तुति एसआइटी ने की है।
शासन की ओर से गठित एसआइटी ने बिकरु कांड की जांच के दौरान कृष्णा नगर पुलिस से भी पूछताछ की थी। इस दौरान वर्ष 2017 में तैनात तत्कालीन इंस्पेक्टर अंजनी कुमार पांडे और सीओ लाल प्रताप से भी पूछताछ की गई। पूछताछ में पता चला कि विकास दुबे प्रतिबंधित बोर के असलहे के साथ पकड़ा गया था। इस दौरान विकास दुबे के खिलाफ मामूली धाराओं में कार्यवाही की गई थी। जांच में सामने आया कि तत्कालीन इंस्पेक्टर और सीओ की इस प्रकरण में लिखा पढ़ी के दौरान कहीं भी हस्ताक्षर नहीं हैं। ऐसे में एसआइटी ने पर्यवेक्षण में इंस्पेक्टर को दोषी माना है और उनके खिलाफ लघु दंड की कार्यवाही की संस्तुति की है। गौरतलब है कि विकास दुबे को एसटीएफ ने प्रतिबंधित बोर के असलहे के साथ पकड़ा था। वह असलहा विकास के भाई दीप प्रकाश के नाम से दर्ज था। हालांकि पुलिस की ओर से आर्म्स एक्ट में ही कार्यवाही की गई थी।
ये है मामला
कानपुर में चौबेपुर के बिकरु गांव में विकास दुबे ने डिप्टी एसपी समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। इस मामले में विकास पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित हुआ था और आरोपित को उज्जैन से गिरफ्तार किया गया था। हालांकि कानपुर में आरोपित ने पुलिस की गाड़ी से भागने की कोशिश की थी और मुठभेड़ में एसटीएफ के हाथों मारा गया था।