बिहार में आज से खुुल गए स्कूल, आठवीं तक रोटेशन से होगी उपस्थिति, छह फीट की दूरी पर बैठेंगे छात्र; जानें हर जरूरी बात
बिहार में सोमवार से प्रारंभिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालय, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय और अन्य शिक्षण संस्थान खुल गए हैं। आठवीं तक के विद्यालय 50 प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति के साथ रोटेशन में संचालित हो रहे हैं। अर्थात् कक्षाओं में 50 प्रतिशत बच्चे आज बुलाए गए हैं तो शेष 50 फीसद बच्चे अगले दिन बुलाए जाएंगे। अधिक नामांकन वाले शिक्षण संस्थान दो पालियों में संचालित होंगे। नौवीं व ऊपर के विद्यालय एवं अन्य शिक्षण संस्थान शत प्रतिशत विद्यार्थियों की उपस्थिति के साथ संचालित किए जा रहे हैं। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने सभी शिक्षण संस्थानों में कोरोना प्रोटोकाल का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित कराने का निर्देश सभी कुलपतियों, जिला शिक्षा अधिकारियों और जिलाधिकारियों को दिया है।
गाइडलाइन के अनुसार शिक्षण संस्थान यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रत्येक कक्षा में छह फीट की दूरी पर छात्र-छात्राओं की बैठने की व्यवस्था हो। विद्यालय परिसर में प्रवेश के लिए विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए मास्क लगाना अनिवार्य है। यही व्यवस्था कक्षाओं में भी लागू रहेगी। बाहरी वेंडर को परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है। पहली से आठवीं कक्षा तक विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना का संचालन फिलहाल रोक रहेगी। कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आवासीय विद्यालयों एवं कर्पूरी छात्रावासों का संचालन कोरोना प्रोटोकाल के तहत ही अनुमान्य किया गया है। नियुक्ति एवं विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश एवं चयन के लिए परीक्षाएं कोविड प्रोटोकाल के तहत संचालित की जाएंगी।
- – शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने दी कोरोना गाइडलाइन की जानकारी
- – शिक्षक, विद्यार्थी और कर्मचारी के लिए मास्क लगाना अनिवार्य
- – कक्षा में छह फीट की दूरी पर होगी बैठने की व्यवस्था
- – परिसर में प्रवेश के लिए मास्क अनिवार्य
- – बाहरी वेंडर को परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं
स्कूल कैंपस को सैनिटाइज करना अनिवार्य
अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई से पहले पूरे परिसर को विसंक्रमित (सैनिटाइज) करना जरूरी कर दिया है। कक्षाओं में भी सैनिटाइजर की व्यवस्था जरूरी है। स्कूल बसों का हर दिन सैनिटाइज करना जरूरी है। जिन 15 से 18 साल तक के छात्र-छात्राओं को टीका नहीं लगा है उन्हें टीका लगवाना सुनिश्चित किया जाएगा। सभी शिक्षण संस्थानों में डिजिटल थर्मामीटर से लेकर थर्मल स्कैनिंग आदि सुरक्षा व्यवस्था अनिवार्य है।