बाइडन की जीत को पलटने की कोशिश, वोटों की गिनती में उपराष्ट्रपति की भूमिका को असंवैधानिक घोषित करने की मांग
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन की जीत को पलटने की कोशिश के मद्देनजर रिपब्लिकन पार्टी से जुड़े कई लोगों ने उपराष्ट्रपति माइक पेंस के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। बाइडन की जीत को अंतिम रूप देने के लिए संसद की छह जनवरी को प्रस्तावित संयुक्त बैठक में उपराष्ट्रपति की भूमिका को लेकर याचिका दायर की गई है। यह मुकदमा टेक्सास से आठ बार के सांसद लुई गोहर्ट और एरिजोना निवासी 11 लोगों ने दायर किया है। इन 11 लोगों को प्रांतीय रिपब्लिकन पार्टी ने इलेक्टोरल नामित किया है।
याचिका में ‘1887 इलेक्टोरल काउंट एक्ट’ को चुनौती दी गई
द डलास मार्निग न्यूज के मुताबिक याचिका में ‘1887 इलेक्टोरल काउंट एक्ट’ को चुनौती दी गई। यह कानून परिणामों की औपचारिक घोषषणा करने में उपराष्ट्रपति की भूमिका का निर्धारण करता है। उपराष्ट्रपति के तौर पर पेंस के खिलाफ दायर इस मुकदमे में टेक्सास के एक संघीय न्यायाधीश से कानून को असंवैधानिक करार देने की अपील की गई है।
याचिका में उठाए गए मुद्दों में कोई दम नहीं: चुनाव विशेषज्ञ
याचिका में पेंस को यह अधिकार भी देने की बात कही गई है वह कांटे के मुकाबले वाले प्रांतों में ट्रंप की पराजय को पलट सकें। चुनाव विशेषज्ञों के मुताबिक याचिका में उठाए गए मुद्दों में कोई दम नहीं है और सुनवाई के दौरान कोर्ट में यह कतई नहीं ठहरेगी।
उपराष्ट्रपति के पास अधिकार नहीं है कि वह प्रांतों के किन वोटों को गिने या नहीं
ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के लॉ प्रोफेसर एडवर्ड फोली ने कहा कि अगर लोग यह सोचते हैं कि उपराष्ट्रपति के पास यह तय करने का एकमात्र अधिकार है कि प्रांतों के किन वोटों को वह गिने या नहीं, तो उन्हें संविधान की जानकारी नहीं है।
संसद के संयुक्त सत्र में बाइडन और ट्रंप को मिले वोट अंतिम तौर पर गिने जाएंगे
बता दें कि छह जनवरी को पेंस संसद के उस संयुक्त सत्र की अध्यक्षता करेंगे जहां पर बाइडन और ट्रंप को मिले वोट अंतिम तौर पर गिने जाएंगे। सभी प्रांतों के इलेक्टोरल कॉलेज दो सप्ताह पहले अपना वोट डाल चुके हैं। उस समय बाइडन को 306 वोट मिले थे और जबकि ट्रंप के खाते में 232 वोट आए थे।