25 November, 2024 (Monday)

BCCI अधिकारी कुछ और दिन रहेंगे पदों पर, सौरव गांगुली समेत इन 3 दिग्गजों को राहत

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआइ जब 24 दिसंबर को अपनी वार्षिक आम बैठक (एजीएम) आयोजित करेगा, तब सुप्रीम कोर्ट शीतकालीन छुट्टियों पर होगी। सुप्रीम कोर्ट की छुट्टियां 18 दिसंबर से एक जनवरी तक रहेंगी। इसका मतलब है कि क्रिकेट सुधार संबंधित सभी मामले अगले साल में पहुंचेंगे। इसका यह भी मतलब है कि सौरव गांगुली, जय शाह और जयेश जॉर्ज अपने पदों पर 2021 तक बने रहेंगे, वो भी तब जब उनका कार्यकाल कुछ महीनों पहले खत्म हो चुका है।

बीसीसीआइ के नए संविधान के मुताबिक, उसके अधिकारियों को बीसीसीआइ में या किसी राज्य संघ में, दोनों को मिलाकर, लगातार छह साल बिताने के बाद कूलिंग ऑफ पीरियड में जाना होता है। कूलिंग ऑफ पीरियड बिताने के बाद वह शख्स दोबारा तीन साल के लिए लौट सकता है। यह उन सात नियमों में से है जिन पर बदलाव की मांग की गई है। सौरव गांगुली पिछले साल 23 अक्टूबर को बीसीसीआइ अध्यक्ष चुने गए थे। उनके पास 278 दिन बचे थे, क्योंकि वह बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) में भी रह चुके थे।

वह सीएबी में जुलाई 2014 से थे। इसलिए बीसीसीआइ में उनका कार्यकाल 26 जुलाई 2020 को खत्म हो गया है। 2013 की रिपोर्ट के मुताबिक बीसीसीआइ के मौजूदा सचिव जय शाह आठ सितंबर 2013 को गुजरात क्रिकेट संघ (जीसीए) के संयुक्त सचिव चुने गए थे। इससे पहले भी वह जीसीए के कार्यकारी थे। इसलिए उनका कार्यकाल भी खत्म हो चुका है। बीसीसीआइ के मौजूदा संयुक्त सचिव जॉर्ज पांच साल तक केरल क्रिकेट संघ (केसीए) के सचिव, संयुक्त सचिव, कोषाध्यक्ष रह चुके हैं और वह बीसीसीआइ में बतौर संयुक्त सचिव एक साल पूरा कर चुके हैं।

पिछले साल सितंबर में उन्होंने केसीए के चुनाव के समय एक अखबार से कहा था कि, मैं 21 जून 2013 से सात जुलाई 2018 तक केसीए में रहा हूं। मेरे पास छह साल का समय पूरा करने के लिए अभी 11 महीने बाकी हैं। केसीए के कार्यकाल के दौरान उन्होंने ब्रेक भी लिया था। उन्होंने सात जुलाई 2018 से 14 सितंबर 2019 के बीच ब्रेक लिया था और फिर 23 अक्टूबर 2019 को केसीए अध्यक्ष के तौर पर लौटे थे।

इसका मतलब है कि वह अपने छह साल पूरे कर चुके हैं, ब्रेक को हटाकर। इसलिए 14 सितंबर से वह भी कूलिंग ऑफ पीरियड में चले जाने चाहिए थे। तीनों अधिकारी हालांकि अभी बोर्ड में हैं क्योंकि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। इन सभी ने सुप्रीम कोर्ट में बीसीसीआइ संविधान में सात बदलाव करने की अपील की है।

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