बाज नहीं आ रहा पाक, पंजशीर मुद्दे पर घिरने के बाद पार की बेशर्मी की हद, फर्जी डोजियर के सहारे अलापा कश्मीर राग



एक पुरानी कहावत है- चोर चोरी से जाए, हेरा-फेरी से नहीं… पाकिस्तान पर यह बिल्कुल सटीक बैठती है। दरअसल पाकिस्तान जब भी अंतरराष्ट्रीय पटल पर घिरता है तो वह कश्मीर का राग अलापने लगता है। लेकिन इस बार तस्वीर कुुछ अलग है… अब अफगानिस्तान की पंजशीर घाटी में हवाई हमले को लेकर घिरे पाकिस्तान ने कश्मीर का राग अलापने के लिए फर्जी डोजियर का सहारा लिया है। पाकिस्तान ने रविवार को एक फर्जी डोजियर जारी किया जिसमें कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगाए गए हैं।
अफगानिस्तान में दखलंदाजी पड़ रही भारी
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ और मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी के साथ इस्लामाबाद में संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर 131 पन्नों का डोजियर जारी किया। कुरैशी ने यह भी कहा कि डोजियर को संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ साझा किया जाएगा। दरअसल ताजिकिस्तान समेत दुनिया के तमाम मुल्कों में लोग पाकिस्तान पर अफगानिस्तान में दखलंदाजी करने का आरोप लगा रहे हैं।
हवाई हमले को लेकर भारी आक्रोश
पंजशीर घाटी में जातीय ताजिकों के खिलाफ हवाई हमले को लेकर भी पाकिस्तान के खिलाफ भारी आक्रोश है। हाल ही में ताजिकिस्तान में लोगों ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में पाकिस्तान को शामिल किए जाने का तीखा विरोध किया था। ताजिक लोगों ने ताजिकिस्तान सरकार से राजधानी दुशांबे में एससीओ के आगामी शिखर सम्मेलन में इमरान खान के बहिष्कार की मांग की थी। यही नहीं अफगानिस्तान में भी लोगों ने नई सरकार के गठन में पाकिस्तान की दखलंदाजी का पुरजोर विरोध किया था।
अफगानिस्तान को लेकर विश्व पटल पर हो रही थू-थू
मौजूदा वक्त में विश्व पटल पर पाकिस्तान की जमकर थू-थू हो रही है। नाटो देशों ने भी उन कारणों की पड़ताल करने का फैसला किया है जिसके चलते अफगानिस्तान पर बड़ी तेजी के साथ तालिबान का कब्जा हुआ। जर्मनी के अखबार डाई वेल्ट में शनिवार को प्रकाशित अपने लेख में नाटो के महासचिव जेन स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि अफगानिस्तान में जो कुछ हुआ वह बहुत ही दुखद था। इन घटनाओं से अफगान के साथ ही पूरी दुनिया हैरान रह गई है। नाटो को इससे सबक लेना चाहिए। कई सवाल हैं जिनके जवाब तलाशे जाने की दरकार है।
घिरने पर अलापने लगता है कश्मीर राग
सनद रहे आतंकी फंडिंग पर नजर रखने वाली विश्व संस्था एफएटीएफ भी पाकिस्तान का आगाह कर चुकी है। यही वजहें हैं कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान मौजूदा वक्त में बुरी तरह घिर गया है। पाकिस्तान की पुरानी आदत है कि जब भी वह अंतरराष्ट्रीय पटल पर घिरता है तुरंत कश्मीर का राग अलापने लगता है। हालांकि इस बार उसने बेशर्मी की हद पार करते हुए इसके लिए डोजियर का सहारा लिया है जबकि भारत उसे बार बार आगाह कर चुका है कि कश्मीर उसका अभिन्न हिस्सा है और वह आंतरिक मामलों में दखल से बाज आए।
कश्मीर देश का अभिन्न हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा
भारत बार-बार पाकिस्तान को साफ शब्दों बताता रहा है कि जम्मू कश्मीर देश का अभिन्न हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा। भारत ने पाकिस्तान को बार बार वास्तविकता स्वीकार करने की तथा भारत विरोधी समस्त दुष्प्रचार को रोकने की भी नसीहत दी है लेकिन पाकिस्तानी हुक्मरान है कि सुधरने का नाम नहीं लेते। कुरैशी ने कहा कि डोजियर 113 संदर्भित घटनाओं पर आधारित है जिनमें 26 अंतरराष्ट्रीय मीडिया से, 41 भारतीय थिंक-टैंक संस्थानों से और केवल 14 पाकिस्तान से प्राप्त हुईं।
मानवाधिकारों के उल्लंघन का चैंपियन है पाक
दुनिया जानती है कि मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामले में पाकिस्तान चैंपियन है और उसकी सेना बलूचिस्तान में किस तरह से आम लोगों का दमन और उत्पीड़न करती है। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को कई बार मानवाधिकार के मुद्दों पर शर्मिंदगी भी झेलनी पड़ी है। यही नहीं कई बार वह कश्मीर मसले पर भी मुंह की खा चुका है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर ज्यादतियों की तमाम रिपोर्टें दुनिया के सामने हैं फिर भी पाकिस्तान है कि भारत के अंदरूनी मामलों में दखलंदाजी करने से बाज नहीं आता है।
खुद की गिरेबां में झांकने के बाजाए भारत को दे रहा ज्ञान
बता दें कि आतंकवादियों को पनाह और आर्थिक मदद मुहैया कराने के लिए पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे सूची में शामिल किया गया है। इस सूची से निकलने के लिए पाकिस्तान व्याकुल है। उसने दिखावे के लिए कई आतंकियों के खिलाफ दिखावे की कार्रवाई भी की है परंतु दुनिया के सामने पूरी तरह से बेनकाब हो चुके पाकिस्तान पर किसी को भरोसा नहीं। झूठ के इस डोजियर का सबसे मजेदार तथ्य पाकिस्तान द्वारा मानवाधिकार पर भारत को नसीहत देना है।