बैंक में काम के दौरान सीखीं बारीकियां, नौकरी गई तो शुरू की ठगी; एसटीएफ ने गाजियाबाद से तीन को दबोचा
जाली दस्तावेज व नेट बैंकिंग के जरिये बैंकों से करोड़ों रुपये हड़पने वाले गिरोह का एसटीएफ ने राजफाश किया है। गाजियाबाद से तीन जालसाजों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें गिरोह का सरगना भी शामिल है। आरोपितों ने स्टेट बैंक आफ इंडिया इस्माइलगंज शाखा से धोखाधड़ी कर 33 लाख 20 हजार रुपये ठग लिए थे। एसटीएफ के मुताबिक गाजीपुर थाने में इस्माइलगंज शाखा की मुख्य प्रबंधक स्वाति अग्रवाल ने एफआइआर दर्ज कराई थी।
यह है पूरा मामला : पांच जुलाई 2021 को स्वाति के पास बैंक के पूर्व मैनेजर ने फोन किया और कहा कि निवान बाला जी आटो मूवर्स प्राइवेट लिमिटेड का चालू खाता है, जिसके प्रबंधक नवनीत पांडेय हैं, जो बैंक से संबंधित कुछ काम के लिए फोन करेंगे। इसके कुछ देर बाद स्वाति के पास अंजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को नवनीत पांडेय बताया। ट्रू कालर पर फोन करने वाले का नाम नवनीत पांडेय निदेशक किया मोटर्स दिखा रहा था। फोन करने वाले ने कहा कि वह अस्पताल में है, उसके कुछ कर्मचारी भर्ती हैं। तत्काल रुपये की जरूरत है। खाते की चेकबुक समाप्त हो गई है, अगर बैंक ने उनकी मदद नहीं की तो वह उच्चाधिकारियों से इसकी शिकायत करेंगे। थोड़ी देर बाद फोन करने वाले ने दो पत्र वाट्सएप पर भेजे, जो बालाजी आटो मूवर्स के लेटर हेड पर थे। यही नहीं लेटर हेड पर निवान बालाजी आटो मूवर्स के रबड़ स्टांप और नवनीत पांडेय के हस्ताक्षर थे।
पत्र में चार कर्मचारियों के खातों को एड कर उनमें पांच लाख 70 हजार 419, आठ लाख 93 हजार, चार लाख 80 हजार, सात लाख 50 हजार 427 और छह लाख 26 हजार 590 रुपये आरटीजीएस करने के लिए कहा गया था। झांसे में आकर स्वाति ने कुल 33 लाख 20 हजार 436 रुपये ट्रांसफर कर दिए। रुपये कटने का मैसेज आने पर बालाजी आटो मूवर्स ने बैंक से संपर्क किया, जिसके बाद फर्जीवाड़े की जानकारी हुई।
एसटीएफ ने जीडीए फ्लैट टीलागांव गाजियाबाद से अलीगढ़ के मोहम्मद शरीफ, गाजियाबाद के सुमित चौहान और हरियाणा के अंकुश गांधी को गिरफ्तार कर लिया। मोहम्मद शरीफ ने बताया कि पहले वह सिटी बैंक के आफिस कनाट प्लेस में चेक रिशेप्सनिस्ट का काम करता था। इस दौरान उसे बैंकिग की पूरी जानकारी हो गई थी। कोरोना काल में नौकरी छूटने के बाद अपने साथी सुमित और प्रदीप के साथ मिलकर जालसाजी कर रुपये कमाने की योजना बनाई। इसके बाद बड़ी कंपनियों के बैंक खातों का डाटा हासिल कर उनके खाते से रुपये ट्रांसफर कराने लगे। एसटीएफ आरोपितों के बयान के आधार पर बैंक खाते सीज कराने की तैयारी कर रही है।