Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में इस महीने में अंतिम हफ्ते से शुरू होगा राम मंदिर की नींव का काम
भगवान राम की नगरी अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए नींव का काम इसी महीने के अंतिम हफ्ते से शुरू होगा। राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिन की बैठक में मंदिर के निर्माण कार्य को लेकर गहन मंथन हुआ। इस दौरान निर्माण कार्य से जुड़ी एजेंसियों के प्रमुख के साथ श्रीराम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र भी थे।
मंदिर निर्माण समिति ने सोमवार को टीम के साथ रामजन्मभूमि परिसर में निर्माण की तैयारियों का जायजा लिया था। मंगलवार को बैठक में टेस्ट पाइलिंग की जांच से संबंधित रिपोर्ट के साथ मंदिर की नींव की मजबूती के लिए गहन विचार-विमर्श किया गया। नींव की मजबूती व उसमें प्रयुक्त की जाने वाली सामग्री के संयोजन के फार्मूले पर फैसला हो गया। इस बैठक में एलएंडटी व टाटा कंसलटेंट के इंजीनियर व श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारी थे। इस दौरान उनके साथ संघ के सह सर कार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल, रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय, कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि, सदस्य एवं अयोध्या राजपरिवार के मुखिया बिमलेंद्र मोहन मिश्र, डॉ. अनिल मिश्र, प्रस्तावित मंदिर के मुख्य शिल्पी सीके सोमपुरा के पुत्र आशीष सोमपुरा सहित एलएंडटी, टाटा कंसल्टेंट इंजीनियर्स के प्रतिनिधियों सहित भवन निर्माण के क्षेत्र से जुड़े कई दिग्गज विशेषज्ञ मौजूद थे।
बैठक के पहले दिन जहां मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के सामने देशभर के विशेषज्ञों ने राम मंदिर की मजबूत नींव को लेकर अपनी ड्राइंग पेश की थी, वहीं आज राम मंदिर की नींव का कार्य प्रारंभ करने को लेकर कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया गया। राम मंदिर की नींव का कार्य दिसंबर के आखिरी सप्ताह में प्रारंभ होगा। आज की बैठक में नृपेंद्र मिश्र के साथ श्रीराम तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय, कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी व डॉ. अनिल मिश्रा के साथ निर्माण एजेंसी एलएनटी तथा सहयोग टाटा कंसल्टेंसी के शीर्ष पदाधिकारी और ट्रस्ट के इंजीनियर भी थे। माना जा रहा है कि राम मंदिर की नींव भरने का काम 15 दिसंबर को मिलने वाली रिसर्च रिपोर्ट के बाद शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही अप्रैल तक नींव के पिलर बनाने का लक्ष्य है। राम मंदिर निर्माण को लेकर ट्रस्ट लगातार इजीनियरों के साथ बैठक कर रहा है। सभी बैठक का मुख्य एजेंडा बुनियाद की मजबूती का है।
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य माह दिसंबर में शुरू हो जाएगा। इसके निर्माण कार्य में लगी एजेंसियों के बीच समन्वय व अनुबंध का कार्य पूरा हो चुका है। अयोध्या में सरयू का किनारा होने के कारण नीचे बालू की मात्रा अधिक पाई जा रही है। इसी कारण बुनियाद स्ट्रक्चर किस तरह लंबे समय तक मजबूत रहे, इस पर रिसर्च चल रहा है। अब ट्रस्ट के एजेंडे में बुनियाद की मजबूती, निर्माण सामग्री की गुणवत्ता तथा मंदिर निर्माण की क्रमबद्ध समय सीमा है।
सबसे पहले बनेगी दीवार
राम जन्मभूमि मंदिर में सबसे पहले दीवार और परकोटे बनाए जाएंगे। मंदिर की बुनियाद के 1200 पिलर तैयार होंगे। इसके लिए कुछ अत्याधुनिक मशीनें भी राम जन्मभूमि परिसर में मौजूद हैं। पिलर निर्माण का कार्य अप्रैल तक पूरा हो जाएगा। पिलर तैयार होने के बाद बुनियाद का पूरा ढांचा पिलर को आपस में जोड़कर तैयार किया जाएगा। बुनियाद तैयार होने के बाद राम मंदिर निर्माण के लिए तराशे गए पत्थरों को क्रमबद्ध तरीके से लगाया जाएगा। राम मंदिर निर्माण में प्रथम तल करीब दो वर्ष में तैयार होगा। इसके मंदिर के दूसरे तल का निर्माण शुरू होगा। इसी दौरान राम जन्मभूमि मंदिर के चारों तरफ निर्माण होने वाली नक्षत्र वाटिका, श्रीराम के जीवन को प्रदर्शीत करने वाली मूर्तियों की श्रृंखला, संत निवास समेत अन्य निर्माण भी क्रमबद्ध तरीके से होते रहेंगे।
भव्य रेलवे स्टेशन भी बनेगा
अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के साथ ही यहां यहां के रेलवे स्टेशन को भी भव्य बनाने की योजना बनाई गई है। इस रेलवे स्टेशन का नाम अयोध्या धाम स्टेशन हो सकता है। रेलवे स्टेशन को भी राम मंदिर के तर्ज पर ही बनाने की तैयारी है। माना जा रहा है कि रेलवे स्टेशन राम मंदिर का प्रतिबिंब होगा। इसे बनाने में 104 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन को सभी धार्मिक रेलवे स्टेशनों से जोड़ा जाएगा। इसके लिए कई नई ट्रेन शुरू करने की भी योजना है।
कुछ ट्रेन के रूट डायवर्ट होंगे। उत्तर रेलवे प्रबंधक आशुतोष गंगल सोमवार को अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन के निर्माण कार्य का जायजा लेने पहुंचे। रेलवे पहले चरण में एक सौ चार करोड़ की लागत से भव्य अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन का निर्माण कर रहा है। रेलवे स्टेशन राम मंदिर मॉडल की तर्ज पर बनाया जा रहा है, जिसको बाहर से देखने पर राम जन्मभूमि मंदिर का व्यू मिलेगा। अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन को इस तरह विकसित किया जा रहा है कि वह अयोध्या के अनुरूप मॉडल स्टेशन दिखाई दे।