आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के पूर्व जज की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इन्कार
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के पूर्व जज वी. ईश्वरैया की याचिका पर दोबारा सुनवाई करने से इन्कार कर दिया। जस्टिस ईश्वरैया ने हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसमें अदालत ने अमरावती जमीन घोटाले में कथित बेनामी सौदे को लेकर उनकी और निलंबित जिला मुंसिफ मजिस्ट्रेट के बीच हुई बातचीत की न्यायिक जांच का निर्देश दिया है।
दोबारा सुनवाई शुरू करने का अनुरोध किया था
जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने 22 फरवरी को ईश्वरैया की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। पीठ से इस मामले में निलंबित जिला मुंसिफ मजिस्ट्रेट एस. रामकृष्ण ने भी इस दलील के साथ दोबारा सुनवाई शुरू करने का अनुरोध किया था कि कई नए तथ्य सामने आए हैं, जिसमें राज्य पुलिस द्वारा जब्त उनके आइफोन के 12 दिसंबर, 2020 से 25 फरवरी, 2021 के बीच चोरी हो जाना भी शामिल है।
जज द्वारा पेश किए गए अतिरिक्त तथ्यों के मद्देनजर दोबारा सुनवाई करनी चाहिए
रामकृष्ण की तरफ से पेश वकील सिद्धार्थ लुथरा ने कहा कि निचली अदालत के जज द्वारा पेश किए गए अतिरिक्त तथ्यों और सामग्रियों के मद्देनजर अदालत को दोबारा सुनवाई करनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ एसएलपी पर पहले ही सुनवाई हो चुकी है पूरी
पीठ ने कहा कि हाई कोर्ट के 13 अगस्त, 2020 के फैसले के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) पर सुनवाई पूरी हो चुकी है और फैसला सुरक्षित है। जहां तक रामकृष्ण के आइफोन की चोरी और उसकी बरामदगी का मामला है, इसमें संबंधित व्यक्ति को कानून के मुताबिक कार्यवाही करनी है।
एसएलपी पर सुप्रीम कोर्ट की पीठ 12 अप्रैल फैसला सुनाएगी
पीठ ने कहा कि मौजूदा याचिका पर सुनवाई को कोई आधार नजर नहीं आ रहा। इसलिए याचिका खारिज की जाती है। एसएलपी पर पीठ 12 अप्रैल फैसला सुनाएगी। पीठ में जस्टिस आरएस रेड्डी भी शामिल थे।