अमेरिकी-भारतीय उद्यमियों को संतुलित लगा भारत का बजट, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का जताया आभार, जानें क्या कहा
भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदार फोरम ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और भारत सरकार का ऐसा केंद्रीय बजट पेश करने के लिए आभार व्यक्त किया है जिससे सरकार को विकास कार्यो को जारी रखने के साथ ही वित्तीय घाटे पर नजर रखने में मदद मिले। इसके अलावा, अमेरिका-इंडिया चैंबर आफ कामर्स और भारत केंद्रित अमेरिकी बिजनेस एडवोकेसी ग्रुप ने भी नपे-तुले और व्यावहारिक बजट के लिए भारत सरकार की सराहना की है।
भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदार फोरम (यूएसआइएसपीएफ) के अध्यक्ष और सीईओ मुकेश अघी ने इस अवसर पर कहा कि सरकार ने नुकसान नहीं पहुंचाने के पहले सिद्धांत का पालन करते हुए प्रमुख नीतियों में कोई बदलाव नहीं किया है। मौजूदा परिस्थितियों में यह एक अच्छा फैसला है। मैं इसे संतुलित और व्यावहारिक बजट मानता हूं। उन्होंने कहा कि सरकार पर आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए कुछ और करने का अधिकाधिक दबाव था।
इस बजट में इस बात को स्पष्ट किया गया है कि हम सभी का अभी तक कोविड-19 और महंगाई से पीछा नहीं छूटा है। इसीलिए नीति निर्मार्ताओं ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए बहुत सधे हुए कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि वह बजट में पूंजीगत व्यय 35 फीसद तक बढ़ाए जाने को लेकर भी खुश हैं। इससे देश के लिए अहम बुनियादी ढांचे में निवेश को समर्थन मिलेगा।
इसीतरह संयुक्त राज्य अमेरिका इंडिया चैंबर आफ कामर्स (यूएसएआइसी) के अध्यक्ष करुण ऋषि ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक बार फिर एक प्रभावशाली और दूरदर्शी बजट पेश करने में सक्षम हैं, जो संतुलित, वित्तीय रूप से विवेकपूर्ण और विकास उन्मुख है। राजकोषीय घाटे को 6.9 प्रतिशत पर रखने और पूंजीगत व्यय में 35 प्रतिशत की वृद्धि करने का विकल्प एक मास्टरस्ट्रोक है।
वार्षिक बजट में 2022-23 में 10.68 लाख करोड़ रुपये के प्रभावी पूंजीगत व्यय का अनुमान है, जो सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 4.1 प्रतिशत है। यूएसएआइसी के अध्यक्ष ने एक बयान में कहा कि बजट भारत से 75 पर भारत से 100 पर अर्थव्यवस्था का खाका देता है। यह देखते हुए कि महामारी ने दुनिया को बायोफार्मा रिसर्च एंड डेवलपमेंट (आर एंड डी) के महत्व को सिखाया है।