अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा ने प्रधानमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन अन्य पिछड़ा वर्ग की जातिगत जनगणना कराए जाने की उठाई मांग
( आगरा )। संसद के मॉनसून सत्र में सरकार द्वारा जातिगत जनगणना के लिखित सवाल के जवाब में स्पष्ट मनाही की गई है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा है कि सरकार द्वारा जनसंख्या जनगणना 2021 में जातिगत जनगणना नहीं कराई जाएगी। इसके बाद से पिछड़ा वर्ग में खासी नाराजगी व आक्रोश व्याप्त है। अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा आगरा द्वारा सरकार के फैसले का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री के नाम अपर जिलाधिकारी नगर को ज्ञापन सौंपा है। अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा ने मांग की है कि पिछड़े वर्ग की वास्तविक जनसंख्या का पता लगाने के लिए जातिगत जनगणना कराया जाना बेहद आवश्यक है। आगरा जिला अध्यक्ष अधिवक्ता राजकुमार यादव का कहना है कि विभिन्न न्यायिक निर्णय में ओबीसी का डाटा उपलब्ध न होने के कारण ओबीसी के संवैधानिक अधिकारों पर कुठाराघात हो चुका है। वरिष्ठ समाजसेवी पिछड़ों के आगरा में अगुआ नेता राजू यादव व जयपाल सिंह यादव ने संयुक्त रूप से कहा कि पिछड़े वर्ग के अधिकारों को संरक्षित करने के लिए पिछड़े वर्ग और जातिगत जनगणना कराया जाना जरूरी है। इससे देश के सामने बड़ी सच्चाई आएगी। सरकार गठन से लेकर विभिन्न योजनाओं में हक अधिकार की बात करने वाले लोगों का भ्रम टूटेगा। देश में सबसे बड़ी तादाद ओबीसी की है। इसलिए जातिगत जनगणना कराई जाए। अन्यथा की स्थिति में अन्य पिछड़ा वर्ग सरकार से सड़क से संसद तक की लड़ाई लड़ने को तैयार है। अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा जिला प्रमुख महासचिव हरेंद्र यादव ने कहा कि भारत की जनसंख्या में बहुसंख्यक पिछड़ा वर्ग की भावनाओं का सरकार को मान रखना चाहिए और उनके हक अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है। ऐसे में सरकार को अपने फैसले पर तत्काल विचार करते हुए जातिगत जनगणना करानी चाहिएं। अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा द्वारा दिए गए ज्ञापन में मंडल उपाध्यक्ष खजान सिंह यादव, जिला उपाध्यक्ष जीतू यादव, राहुल घोष, राकेश यादव, राजकुमार यादव, जिला प्रवक्ता अनुपम यादव सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।