01 November, 2024 (Friday)

चीन से जारी तनाव के बीच, भारत और जापान के वायुसेना प्रमुखों ने सैन्‍य संबंधों को मजबूत करने पर बातचीत की

पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीन से जारी गतिरोध के बीच भारत और जापान की वायु सेनाओं ने संयुक्त अभ्यास और प्रशिक्षण के जरिए अपने संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा की। जापान की एयर फोर्स (Japan Air Self Defense Force) के प्रमुख जनरल इजत्सू शुंजी (Izutsu Shunji) बुधवार को अपने भारतीय समकक्ष एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया से मिले और व्यापक चर्चा की।

सामाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, जापानी वायु सेना प्रमुख (Japanese Air chief)  की यह यात्रा मालाबार समुद्री नौसैनिक अभ्यास के तुरंत बाद हुई है। मालूम हो कि हाल ही में भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के नौसैनिकों के बीच उत्तरी अरब सागर में मालाबार युद्धाभ्यास का दूसरा चरण संपन्‍न हुआ था। इस युद्धाभ्यास में दो विमान वाहक पोत और कई युद्धपोत, पनडुब्बियां और समुद्री टोही विमान भाग ले रहे हैं।

इस युद्धाभ्यास प्रमुख आकर्षण भारतीय नौसेना का विमान वाहक पोत विक्रमादित्य और अमेरिकी विमान वाहक पोत निमित्ज था। मालाबार युद्धाभ्यास का पहला चरण तीन से छह नवंबर के बीच बंगाल की खाड़ी में हुआ था। इसमें पनडुब्बी रोधी और विमान रोधी ऑपरेशनों के अलावा कई जटिल अभ्यास किए गए थे। सनद रहे  भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान सभी क्‍वाड सदस्‍य हैं और यह सैन्‍य अभ्‍यास चीनी आक्रामकता के जवाब में किया गया था।

अधिकारियों ने बताया कि भारतीय वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने जनरल शुंजी के साथ कई मसलों पर बातचीत की। बातचीत में सैन्य सहयोग और दोनों देशों की वायुसेनाओं के बीच सूचनाओं को साझा करने पर जोर दिया गया। जापानी सैन्य अधिकारी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की। बाद में उन्‍होंने सीडीएस जनरल बिपिन रावत, नौसेना प्रमुख कर्मवीर सिंह और उप थल सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी के साथ अलग-अलग बैठकें की।

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वायुसेना प्रमुख भदौरिया और जनरल शुंजी ने भारत और जापान के बीच रक्षा संबधों में हुई प्रगति को सराहा और इसे ज्‍यादा मजबूती देने के तरीकों पर मंथन किया। बातचीत का फोकस दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर रहा। मानवीय सहायता और आपदा राहत कार्यों के लिए सामूहिक प्रतिक्रिया को मजबूत करने पर भी जोर दिया गया। यही नहीं वायुसेनाओं के संयुक्त अभ्यास और प्रशिक्षण बढ़ाने पर भी बात हुई।

 

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