केंद्र सरकार ने खोले 28 प्रतिशत अधिक फसल खरीद केंद्र, किसानों को होगा ये फायदा
सामान्य दिनों में एमएसपी के बावजूद कई किसान अपनी उपज कम दाम पर बेचने के लिए मजबूर होते हैं। लेकिन राजनीतिक घमासान के बीच इस बार केंद्र सरकार की तैयारियां कुछ ऐसी हैं कि फसल बिक्री को तैयार किसान को मायूस नहीं होना पड़े। इसके लिए एक तरफ जहां खरीद केंद्रों की संख्या 28 प्रतिशत बढ़ा दी गई है वहीं विपक्षी दलों की ओर से फैलाई जा रही भ्रांतियों को दूर करने के लिए कृषि, खाद्य और टेक्सटाइल सचिवों समेत केंद्रीय एजेंसियों के आला अफसरों को मैदान में उतार दिया गया है। मात्र 10 दिनों में ही धान की खरीद पिछले वर्ष के मुकाबले 23 प्रतिशत अधिक हो चुकी है। सरकरी एजेंसियां धान के साथ दलहन, तिलहन और कपास की खरीदने को तैयार हैं।
कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने 22 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का विस्तृत ब्योरा देकर बताया कि इनमें स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर जबर्दस्त वृद्धि की गई है। इनमें से ज्यादातर फसलो की सरकारी खरीद की जाती है। कीमतों के नीचे होने की स्थिति में राज्यों के आग्रह पर बाकी फसलों की खरीद भी सरकारी एजेंसियां करती हैं। नए कृषि सुधारों का तीखा विरोध कर रहे पंजाब में वर्ष 2019-20 में धान के कुल उत्पादन का 92.31 प्रतिशत खरीदा गया, जो वर्ष 2013-14 में यह लगभग 72 प्रतिशत ही था। खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने बताया कि पंजाब राज्य में चालू सीजन में धान की खरीद के लिए रिकॉर्ड 4,555 केंद्र स्थापित किए गए हैं, जबकि पिछले सालों में यहां अधिकतम 1,868 केंद्र खोले गए थे। खरीद की तैयारियों पर पांडेय ने बताया कि इसी तरह की तैयारियां बाकी राज्यों में भी की गई हैं।
दलहन व तिलहन की खरीद की तैयारियों का ब्योरा देते हुए अग्रवाल ने कहा कि इनके लिए सरकारी एजेंसी एफसीआइ को 1,500 करोड़ रुपये और नैफेड को 39,000 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी दी गई है। एफसीआइ चेयरमैन ने खरीद की तैयारियों और भंडारण आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। राज्यों के अनुरोध पर इन फसलों की खरीद की जाती है। उन्होंने बतायया कि अभी तक 2.59 लाख टन दलहन और 27.56 लाख टन तिलहन की खरीद के प्रस्तावों को मंजूदी दे गई है। पिछले साल की खरीद के आंकड़े के आधार पर अग्रवाल ने बताया कि दलहन की खरीद में 98.51 गुना और तिलहन की खरीद में 17.71 गुना की वृद्धि हुई है। बीते रबी सीजन में कोरोना संक्रमण के दौरान गेहूं खरीद में रिकॉर्ड कायम हुआ। चालू खरीफ सीजन में कुल बोआई रकबा 10 लाख हेक्टेयर से भी अधिक हुआ है। दलहन की खेती में शानदार बढ़त दर्ज की गई है। कपास की खरीद आमतौर पर नवंबर में शुरू होती है। लेकिन इस बार पंजाब व हरियाणा में सरकारी खरीद प्रक्रिया शुरू हो गई है।