Electricity Bill Recovery: बिजली विभाग घर-घर जाकर मांग रहा बिल, उपभोक्ता फिर भी जमा को तैयार नहीं
बिजली अधिकारी बकाएदारों पर कार्रवाई करने से बच रहे हैं। उपभोक्ताओं के घर-घर जाकर बिजली का बिल मांग रहे हैं और उन्हें समझाकर बिल जमा करने के लिए कहा जा रहा हैं। यह अभियान बिजली विभाग ने ग्रामीण क्षेत्र में कई दिनों से चला रखा है।
दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) के पास आगरा में साढ़े लगभग चार लाख उपभोक्ता हैं। जो सिकंदरा डिवीजन सहित देहात के हैं। इनमें से केवल 22 फीसद उपभोक्ता ही हर माह बिल जमा करते हैं। बिजली विभाग ने दस हजार से ऊपर के बकाएदार उपभोक्ता और एक लाख से ऊपर के बकाएदार उपभोक्ताओं को दो श्रेणी में विभाजित किया है। इनके घर बिल का तगादा करने और जमा करवाने के लिए मुख्य अभियंता एके चौधरी ने बिजली घर पर तैनात अवर अभियंता, संविदाकर्मी और टीजी-2 को नोडल बनाया है। जिसमें सभी की जिम्मेेदारी तय की और बकाएदारों का लेखा-झोखा सौंप गया है। अब ये घर-घर जाकर उपभोक्ताओं पर तगादा कर रहे हैं।
बिजली चोरी पर नजर
बिजली घर स्तर पर नोडल बनाए गए संविदाकर्मियों पर बिजली चोरी रोकने की जिम्मेदारी भी दी गई है। देहात के कुछ फीडरों पर 60 फीसद से ज्याद लाइन लास हैं। इसे 15 फीसद तक लाने के लिए बिजली कर्मियों ने अभियान चला रखा है। नोडल बनने के बाद संविदाकर्मी भी बिजली चोरी रोकने के लिए दौड़ने लगे हैं। मुख्य अभियंता एके चौधरी और अधीक्षण अभियंता हरीश बंसल ने रोजाना बिजली घर और डिवीजनों पर जाकर पूरे स्टाफ के साथ बैठक करनी शुरू कर दी हैं और दफ्तर पहुंचने में लेट-लतीफी करने वाला वेतन काटा है।