CJI चंद्रचूड़ की पत्नी से किसने कहा- ऐसा पति ढूंढिये, जो घर के काम कर सके
CJI डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) तमाम मौकों पर अपनी निजी जिंदगी से जुड़े वाकये भी शेयर करते हैं. कुछ वक्त पहले उन्होंने एक ऐसा ही वाकया शेयर किया, जो उनकी पहली पत्नी रश्मि से जुड़ा था. वह भी लॉ प्रोफेशन से जुड़ी थीं. साल 2007 में उनका निधन हो गया था. सीजेआई बताते हैं कि एक बार जब वह एक लॉ फर्म में इंटरव्यू के लिए गईं तो, उन्हें बहुत अटपटी सलाह मिली. कहा गया कि ऐसा पति ढूंढिये, जो घर के काम कर सके.
CJI की पत्नी को किसने दी सलाह
बेंगलुरु के नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी के 31वें दीक्षांत समारोह में CJI ने बताया कि मेरी दिवंगत पत्नी बार की मेंबर थीं. जब मैं जज बना तो उन्होंने लिटिगेशन काउंसिल के रूप में प्रैक्टिस छोड़ दी. इसके बाद वह एक लॉ फर्म में इंटरव्यू के लिए गईं. जब उन्होंने पूछा कि कितने घंटे काम करने होंगे तो जवाब मिला 24 घंटे और सातों दिन.
कोई पर्सनल लाइफ नहीं होगी…
इस पर सीजेआई की पूर्व पत्नी ने पूछा कि परिवार वाली महिलाएं क्या करेंगी? उन्हें जवाब मिला कि अगर आप लॉ फर्म में शामिल होना चाहती हैं तो आपकी कोई फैमिली लाइफ या निजी जिंदगी नहीं होगी. बल्कि बेहतर होगा कि आप ऐसा पति ढूंढिये, जो घर पर आपके काम कर सके.
इसी कार्यक्रम में चंद्रचूड़ ने महिलाओं की जिंदगी में आने वाली तमाम परेशानियों पर भी बात की. बताया कि काम के साथ उन्हें किस तरीके से लाइफ में बैलेंस बैठाना पड़ता है. सीजेआई ने कहा कि मैं खुद अपने लॉ क्लर्क के साथ खुलकर बात करता हूं. मैं उनसे पूछ लेता हूं कि पीरियड्स के दौरान क्या वह घर से काम करना चाहती हैं? और आगे बढ़कर कहता हूं कि घर से बेझिझक काम करें. स्वास्थ्य का ख्याल रखना जरूरी है. हम इस बात का दिखावा नहीं कर सकते कि ये सारी चीज कोई मुद्दा नहीं हैं.
पहली पत्नी का हो चुका है निधन
आपको बता दें कि जस्टिस चंद्रचूड़ की पहली पत्नी रश्मि का साल 2007 में कैंसर के चलते देहांत हो गया था. जस्टिस चंद्रचूड़ एक इंटरव्यू में बताते हैं कि वह वक्त उनके लिए सबसे मुश्किल भरा था. वह कोर्ट से सीधे अस्पताल जाते थे और अस्पताल से फिर कोर्ट आते थे. कहते हैं कि मैंने उनकी पूरी सेवा की. पूरा ख्याल रखा, पर डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके.
पहली पत्नी के देहांत के बाद जस्टिस चंद्रचूड़ ने दूसरी शादी की. उनकी पत्नी का नाम कल्पना दास चंद्रचूड़ (Kalpana Das Chandrachud) है. वह भी लॉ प्रोफेशन में हैं और लंबे समय तक वकालत करती रही हैं. ब्रिटिश काउंसिल जैसे संस्थानों के साथ काम कर चुकी है. कई एजेंसियों और कंपनियों को कंसल्टेंसी भी प्रोवाइड करती हैं.
सुप्रीम कोर्ट में तमाम सुविधाएं
डीवाई चंद्रचूड़ ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बनने के बाद सुप्रीम कोर्ट में महिलाओं की सहूलियत के लिए तमाम कदम उठाए. मसलन सुप्रीम कोर्ट में महिलाओं के शौचालय में सैनेटरी नैपकिन डिस्पेंसर जैसी चीजें लगवाईं. दिव्यांगों के लिए भी तमाम व्यवस्थाएं की. सुप्रीम कोर्ट परिसर में मिट्टी कैफे खुलवाया, जिसे दिव्यांग ही संचालित करते हैं.