राजभर-जयंत भी थे साथ…फिर भी कैसे अखिलेश के सामने बेदम हो गई BJP?
लखनऊः वैसे तो नरेंद्र मोदी की सरकार का तीसरा कार्यकाल शुरू हो गया. 72 सांसदों ने मंत्रिपद की शपथ ली. हालांकि अभी मंत्रालय का आंवटन बाकी है. लेकिन अब से सरकार का कामकाज शुरू हो गया है सोमवार की शाम को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की पहली कैबिनेट बैठक होने वाली है. इस बार के लोकसभा चुनाव के नतीजे बीजेपी के लिए थोड़े हैरान कर देने वाले थे. खासतौर पर उत्तर प्रदेश के चुनावी नतीजों ने पार्टी के साथ-साथ राजनीतिक एक्सपर्ट को भी हैरान कर दिया. क्योंकि जिस तरह से अयोध्या में विकास हुआ और राम मंदिर का निर्माण हुआ. ऐसे में हर किसी को यूपी में बीजेपी की आंधी की उम्मीद थी. लेकिन बीजेपी आधी पर ही सिमट गई.
बीजेपी ने इस बार पश्चिमी यूपी में जाटों के नेता माने जाने वाले जयंत चौधरी, अनुप्रिया पटेल और ओम प्रकाश राजभर के साथ मिलकर चुनाव लड़ा. लेकिन कुछ खास असर नहीं दिखा है. क्योंकि 2019 के चुनावी नतीजों के मुकाबले इस बार के नतीजे थोड़े निराशजनक हैं. एक तरफ जहां बीजेपी 2019 में 61 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं 2024 में केवल 33 सीटों पर सिमट कर रह गई. बीजेपी का वोट शेयर भी इस बार तेजी से गिरा है. बीजेपी को इस बार 41.4 फीसदी वोट मिले हैं. जबकि 2019 में 49.6 फीसदी वोट मिले थे.
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव की पार्टी यानी कि समाजवादी पार्टी के खाते में केवल पांच सीटें आई थीं. जबकि 2019 में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन था. वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने कुल 36 सीटों पर जीत हासिल की है
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी को औसतन हर सीट पर 67 हजार कम वोट मिले हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में जिन 75 सीटों पर बीजेपी लड़ी है, उनमें से 72 सीटों पर बीजेपी का वोट घटा है. केवल गौतमबुद्ध नगर, कौशांबी और बरेली में पिछली बार के मुकाबले इस बार ज्यादा वोट मिले हैं. 75 लोकसभा सीटों में से 12 सीटें ऐसी हैं, जहां पर बीजेपी का 1 लाख से ज्यादा वोट कम हुए हैं. वहीं 36 सीटें ऐसी हैं, जहां 50 हजार से 1 लाख के बीच में कम हुए हैं.