23 November, 2024 (Saturday)

कनाडा बाज नहीं आ रहा, भारत के खिलाफ उगला जहर, इस बार तो हद ही पार कर दी

ओटावा. कनाडा ने भारत को चीन के बाद अपने लोकतंत्र के लिए दूसरा सबसे बड़ा विदेशी खतरा बताया है, जबकि रूस तीसरे स्थान पर खिसक गया है. भारत के खिलाफ जहर उगलते हुए हाल ही में कनाडा की एक उच्च स्तरीय संसदीय समिति की रिपोर्ट में भारत को चीन के बाद कनाडा के लोकतंत्र के लिए ‘दूसरा सबसे बड़ा विदेशी खतरा’ करार दिया गया है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक बयान में विदेशी हस्तक्षेप के बारे में अपनी सरकार की गंभीर चिंता पर जोर देते हुए इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया जाहिर की. कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया संसदीय समिति (NSICOP) ने भारत-कनाडा संबंधों में तनाव के दौर में इस रिपोर्ट को जारी किया. जिसमें हाउस ऑफ कॉमन्स और सीनेट दोनों से सदस्य शामिल हैं. इससे दोनों देशों से पहले से तनाव भरे रिश्तों में और खटास बढ़ने की आशंका है.

इस रिपोर्ट का जारी होने से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ने की आशंका है. यह ऐसे समय में हुआ है, जब पहले ही ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय सरकारी एजेंटों की संलिप्तता का आरोप लगाया है. नई दिल्ली ने तुरंत इन आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया था. बहरहाल कनाडा की ताजा रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि भारत, रूस को हटाकर कनाडा की लोकतांत्रिक संस्थाओं और प्रक्रियाओं के लिए दूसरा सबसे बड़ा विदेशी हस्तक्षेप खतरा बन गया है. भारत के विदेशी हस्तक्षेप के प्रयास धीरे-धीरे कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्वों का मुकाबला करने से आगे बढ़ गए हैं.

भारत पर ताजा आरोप गंभीर
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की कोशिशों में कनाडाई लोकतांत्रिक प्रणालियों और संस्थाओं में हस्तक्षेप शामिल है. जिसमें कनाडाई राजनेताओं, जातीय मीडिया और इंडो-कनाडाई जातीय सांस्कृतिक समुदायों को निशाना बनाना शामिल है. इस 84 पेज की रिपोर्ट में भारत के 44 हवाले हैं. भारतीय अधिकारियों ने अभी तक इन आरोपों का जवाब नहीं दिया है. इससे पहले, नई दिल्ली ने इसी तरह के दावों का खंडन किया है, जिसमें कनाडाई अधिकारियों पर भारतीय मामलों में हस्तक्षेप करने और खालिस्तानी आंदोलन से जुड़े लोगों सहित चरमपंथी तत्वों को शरण देने का आरोप लगाया गया है.

कनाडा के लिए चीन सबसे बड़ा खतरा
कनाडा सरकार की रिपोर्ट बताती है कि कुछ कनाडाई संसद सदस्य विदेशी शक्तियों से प्रभावित हो सकते हैं. वे विदेशी मिशनों के साथ अनुचित संचार में शामिल हो सकते हैं, सहकर्मियों को अनुचित तरीके से प्रभावित करने का प्रयास कर सकते हैं. इसके साथ ही विदेशी राजनयिकों के साथ गोपनीय जानकारी साझा कर सकते हैं. इसके अलावा जैसा कि रिपोर्ट में बताया गया है, कुछ सांसदों को विदेशी संस्थाओं या उनके प्रतिनिधियों से फंडिंग मिली हो सकती है. रिपोर्ट में चीन को विदेशी हस्तक्षेप में मुख्य भूमिका निभाने वाला बताया गया है. जिसके बाद भारत और रूस का स्थान है.

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *