केके पाठक नहीं गए तो बिहार से एनडीए चली जाएगी
पटना. बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. एनडीए के कई नेता लगातार केके पाठक को हटाने की मांग पर अड़े हुए हैं. अब एक बार बीजेपी एमएलसी नवल किशोर यादव फिर से केके पाठक पर भड़के हैं. नवल किशोर यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 4 जून के बाद केके पाठक पर कार्रवाई करें.
उन्होंने कहा कि अगर केके पाठक की विदाई नहीं होती है तो एनडीए की विदाई हो सकती है. राज्यपाल ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर केके पाठक पर संज्ञान लेने के लिए कहा है. नवल किशोर यादव ने कहा कि केके पाठक शिक्षकों के साथ अमानवीय और अत्याचार व्यवहार कर रहे हैं. शिक्षा विभाग लूट खसोट और घोटाले का विभाग बन गया है.
नवल किशोर यादव ने कहा कि केके पाठक लगातार सरकार की बदनामी करवा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे पागल को नीतीश कुमार पागलखाना भेजें. बता दें, बिहार के शिक्षा विभाग में जब से केके पाठक आए हैं, तब से ही यह विभाग सुर्खियों में बना हुआ है. उनके अलग-अलग देश से हड़कंप मचा रहता है. अब ताजा मामला अब औरंगाबाद से सामने आया है. बीपीएसएसी टीआरई-1 और टीआरई-2 के तहत शिक्षक पदों पर बहाल हुए बिहार से बाहर के कैंडिडेट्स की नौकरी खतरे में पड़ गई है.
इसको लेकर कार्यालय जिला शिक्षा पदाधिकारी, औरंगाबाद की ओर से सोमवार को एक पत्र जारी किया गया है. यह पत्र पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद आया है. कार्यालय जिला शिक्षा पदाधिकारी, औरंगाबाद की ओर से जारी में जिले के 10 शिक्षकों को नौकरी से मुक्त करने का निर्देश दिया गया है. इसमें गणित विज्ञान के दो, सामाजिक विज्ञान के तीन, अंग्रेजी के दो, हिंदी और संस्कृत के एक टीचर शामिल हैं. इस लिस्ट में शामिल सभी शिक्षक बिहार से बाहर के हैं.