मुंबई की इस भिखारी के आगे स्टॉक मार्केट भी फेल, मरने से पहले परिवार को बना गई मालामाल
मुंबई: मुंबई की सबसे अमीर भिखारियों में से एक शांताबाई कुराडे अब इस दुनिया में नहीं रही. पिछले सप्ताह उसकी हत्या कर दी गई. शांताबाई मलाड वेस्ट में चिंचोली बंडर इलाके के विट्ठल नगर में एक किराए के घर में रहती थी. वह मुंबई की सड़कों पर 35 सालों से भीख मांग रही थी. पुलिस की मानें तो पति की मौत के बाद उसने भीख मांग कर अपनी इकलौती बेटी की शादी की. इतना ही नहीं, भीख मांग कर ही वह हर महीने अपनी बेटी के घर 25 से 30 हजार रुपए भेजा करती थी. इन पैसों से उसकी बेटी ने अपना घर बना लिया और तीन एकड़ की जमीन भी खरीद ली. आज शांतिबाई के नाती-नवासे उस प्लॉट की बदौलत लाखों में कमाते हैं.
पुलिस की माने तो शांताबाई कुराडे की बॉडी शुक्रवार की सुबह उनके किराए के घर से मिली. मलाड पुलिस ने हत्या समेत कई धाराओं में मामला दर्ज किया है. इतना ही नहीं, इस मामले में आरोपी बैजू महादेव मुखिया को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. 45 वर्षीय आरोपी मुखिया इस घर में पहले रेंट पर रहता था. रेंट जमा न करने की वजह से पिछले महीने मकान मालिक ने उसे निकाल दिया था. इतना ही नहीं, मकान मालिक ने किराया न देने की वजह से उसके सामान को भी अपने पास रख लिया था.
कैसे हुई महिला की हत्या
मिड डे की खबर के मतुाबिक, पुलिस ने बताया घटना की रात आरोपी मुखिया अपना सामान निकालने के लिए लोहे की शीट हटाकर घर में दाखिल हुआ. जैसे ही वह घर में घुसा उसकी नजर शांताबाई कुराडे पर गई, जो सोई हुई थी. वहीं पास में उसका पैसों से भरा बैग पड़ा था. इसके बाद आरोपी मुखिया ने उस पैसे वाले बैग को चुराने की कोशिश की. मगर तभी शांताबाई की नीदं खुल गई और उसने शोर मचाना शुरू कर दिया. इस पर आरोपी ने उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया और सिर पर वार कर दिया. इसके बाद वह उसकी हत्या कर वहां से फरार हो गया.
रेंट के मकान में रहती थी महिला भिखारी
पुलिस के मुताबिक, इस हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए 50 सीसीटीवी फुटेज का सहारा लिया गया. सीसीटीवी फुटेज में वारदात वाली रात आरोपी बिना चप्पल के दिखा. इसके बाद तलाश तेज हुई और मुखिया को विजयवाड़ा इलाके से पुलिस ने गिरफ्तार किया. शुरू में तो वह पुलिस को छकाता रहा, मगर बाद में उसने हत्या की बात कबूल ली. पुलिस की मानें तो आरोपी मुखिया बिहार का रहने वाला है और पिछले कई दशकों से मुंबई में रहता है और मजदूरी का काम करता है. वह उसी कमरा में रहता था, जहां शांताबाई कुराडे रहती थी. किराया न देने की वजह से मकान मालिक ने उस घर को चार हजार रुपए रेंट पर शांताबाई को दे दिया था. शांताबाई ने मकान मालिक को 15 हजार रुपए की सिक्योरिटी मनी भी दी थी.
मृतक महिला की बेटी और नाती-नवासों से बात करने के बाद पुलिस को पता चला कि महिला 35 साल पहले मुंबई आई थी. उस वक्त उसका पति अपने गांव में खेती-बारी का काम करता था, जिसे बाद में बेच दिया. कुराडे ने भीख मांगकर जो पैसे इकट्ठा किए थे, उससे उनके ग्रैंडसन्स ने 3 एकड़ जमीन खरीदी. आज उस जमी नपर कपास और सोयाबीन की खेती होती है. कुराड कभी-कभी अपनी बेटी के घर आती थी और फिर वापस चली जाती थी. उसके दामाद की भी मौत हो चुकी है. पुलिस अधिकारियों की मानें तो वह मंदिरों, मस्जिदों और दरगाहों के बाहर भीख मांगती थी. वह भीख मांगकर जो भी कमाती थी, बेटी के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करवा देती थी. आरोपी मुखिया ने पुलिस को बताया कि उसने उसके करीब 15 हजार रुपये चुराए थे.