हर वक्त दुखी रहते हैं और आंखों से निकलते हैं आंसू, समझिए डिप्रेशन का हो गए शिकार
डिप्रेशन एक गंभीर समस्या है, जो तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रही है. आमतौर पर इसे मेंटल हेल्थ से जुड़ी परेशानी माना जाता है, लेकिन इसका असर ओवरऑल हेल्थ पर देखने को मिलता है. अत्यधिक चिंता कई बार डिप्रेशन की वजह बन जाती है. आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों को स्ट्रेस और एंजायटी से जूझना पड़ता है. ये परेशानियां ज्यादा बढ़ जाएं, तो डिप्रेशन में तब्दील हो जाती है. ऐसे में लोगों को बेहद सावधानी बरतनी चाहिए और डिप्रेशन का कोई भी लक्षण दिखने पर इससे उबरने की कोशिश करनी चाहिए. डिप्रेशन की सही समय पर पहचान करके इलाज कराया जाए, तो इससे उबरने में आसानी हो सकती है. किसी भी व्यक्ति को डिप्रेशन के कुछ लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, वरना यह जानलेवा भी हो सकता है.
मायोक्लीनिक की रिपोर्ट के अनुसार डिप्रेशन एक मूड डिसऑर्डर होता है, जिसकी वजह से लोग लगातार दुखी महसूस करते हैं और उनका किसी भी काम में मन नहीं लगता है. इसे मेजर डिप्रेसिव डिसऑर्डर या क्लीनिकल डिस
डिप्रेशन के प्रमुख लक्षण जान लीजिए
– उदासी, आंसू, अकेलेपन या निराश होने की भावना
– छोटी-छोटी बातों पर भी गुस्सा आना या चिड़चिड़ापन
– खेलकूद या मनोरंजन की गतिविधियों में इंट्रेस्ट खत्म होना
– रात को अक्सर नींद न आना या जरूरत से ज्यादा सोना
– अक्यधिक थकान और एनर्जी की कमी महसूस होना
– भूख कम हो जाना और लगातार वजन कम होना
– हर वक्त खाने का मन करना और तेजी से वजन बढ़ना
– हर वक्त चिंता और बेचैनी महसूस करने की भावना
– पिछली असफलताओं पर सोचना या खुद को दोष देना
– सोचने-समझने, निर्णय लेने और चीजों को याद रखने में परेशानी
– बार-बार सुसाइड करने का विचार या आत्महत्या कोशिश करना
– व्यवहार या बातचीत में असाधारण बदलाव होना
ऑर्डर भी कहा जाता है. डिप्रेशन आपकी जिंदगी को बुरी तरह प्रभावित करता है. यह आपके महसूस करने, सोचने-समझने और व्यवहार करने के तरीके को बदल सकता है. डिप्रेशन कई इमोशनल और फिजिकल प्रॉब्लम पैदा कर सकता है. इसकी वजह से आपको रोज के सामान्य काम करने में परेशानी हो सकती है. कभी-कभी आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि जीवन जीने लायक नहीं है. हालांकि डिप्रेशन से आप छुटकारा पा सकते हैं और दोबारा बेहतर महसूस कर सकते हैं. इसके लिए आप साइकोलॉजिस्ट की मदद ले सकते हैं.