23 November, 2024 (Saturday)

शालिग्राम विष्णु है तो द्वारका शिला है मां लक्ष्मी, जानिए किस शिला की पूजा से मिलेगा लाभ

 वराह पुराण के अनुसार, जो भी विष्णु-चक्र के निशान के साथ द्वारका शिला को छूता है, वह सभी पापों से मुक्त हो जाएगा.  गरुड़ पुराण के अनुसार, सभी द्वारका-शिला के दर्शन से सभी मनोकामनाएं और इच्छाएं पूरी हो जाती हैं.

स्कंद पुराण में यह भी कहा गया है कि यदि कोई अत्यंत पापी व्यक्ति बिना संदेह और भक्ति के साथ, या भक्ति के बिना भी द्वारका-शिला की पूजा करता है, तो वह सभी पापपूर्ण पापों से मुक्त हो जाता है.

द्वारका-शिला की पहचान कैसे करें (Dwarka Shila And Vishnu Shaligram )

प्रहलाद संहिता के अनुसार, एक प्रमुख चक्र (चक्र) के साथ द्वारका शिला / द्वारका पत्थर को सुदर्शन द्वारका शिला के रूप में जाना जाता है.  जबकि दो चक्रों वाली शिला लक्ष्मी-नारायण शिला है, और तीन चक्रों वाली शिला त्रिविक्रम द्वारका शिला है.  चार चक्रों से युक्त शिला जनार्दन द्वारका शिला है, पांच चक्रों से युक्त बलदेव द्वारका शिला है, छह चक्रों से युक्त बलदेव द्वारका शिला है.  आठ चक्रों वाली शिला पुरूषोत्तम, नौ चक्रों वाली नवव्यूह द्वारिका शिला, दस चक्रों वाली दशमूर्ति और दस चक्रों वाली अनिरुद्ध शिला कहलाती हैं.  बारह चक्रों वाली शिला द्वादसामिक है, और बारह से अधिक चक्रों वाली शिला को अनंत द्वारका शिला के नाम से जाना जाता है.  आप इस शिला के आकार को देखकर भी इसके प्रकार का अनुमान लगा सकते हैं.

विभिन्न प्रकार के द्वारका-शिलाओं के लाभ

  • वह आकर्षक शिला जिसे सुदर्शन के नाम से जाना जाता है, जिस पर एक चक्र है, व्यक्ति को मुक्ति मिलती है.
  • लक्ष्मी-नारायण द्वारिका शिला जिसमें दो चक्र हैं, ऐश्वर्य और मुक्ति प्रदान करती है.
  • अच्युत-शिला (तीन चक्र) व्यक्ति को भगवान इंद्र के समकक्ष सम्मान देते हैं.
  • चार चक्रों वाली चतुर्भुज शिला आर्थिक विकास, धार्मिक सोच, आनंद और मुक्ति लाती है.
  • वासुदेव-शिला (पांच चक्र) से जन्म और मृत्यु का भय दूर होता है.
  • छह चक्रों वाली प्रद्युम्न द्वारका शिला भव्य और धनवान है.
  • छह चक्रों वाली प्रद्युम्न द्वारका शिला भव्य और धनवान है.
  • सात चक्रों (बलभद्र) से युक्त द्वारका शिला राजवंश को सांकेतिक और संवैधानिक रूप से प्रदर्शित करता है.
  • जबकि आठ चक्रों वाली पुरूषोत्तम शिला सभी प्रकार की शोभा है.
  • नरसिम्हदेव द्वारका शिला (नौ चक्र) सबसे अधिक लाभ देता है.
  • दस चक्रों वाली दशावतार द्वारिका शिला राजसत्ता प्रदान करती है.
  • ग्यारह चक्र (अनिरुद्ध) द्वारका शिला राष्ट्रपति और प्रभुत्व प्रदान करते हैं.
  • बारह चक्र के नाम से जाना जाता है वह मुक्ति और सुख देता है.
  • बारह या इससे अधिक चक्र शिलाएँ अत्यंत शुभ होती हैं तथा गोल एवं चक्र आकार की शिलाएँ सुख प्रदान करती हैं.
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