गाजा पट्टी के विस्थापितों की संख्या 1,23,000 के पार पहुंची: संयुक्त राष्ट्र
इजराइली सैनिकों और सैकड़ों हमास के लड़ाकों के बीच कल पूरी रात ताबड़तोड़ गोलीबारी और बमबारी हुई. इस दौरान इजराइल ने हमास के 500 ठिकानों को निशाना बनाया.इजरायल और फिलिस्तीन (Israel and Palestine) के बीच हालात बेहद खराब स्थिति में पहुंच गए हैं. इजराइल पर हमास (Hamas Attack) के हमले में अभी तक 600 लोगों के मारे जाने की खबर है. हमास के आतंकियों ने शनिवार सुबह इजराइल के अलग-अलग इलाकों पर 5000 से ज्यादा रॉकेट दागे. हमास के इस हमले के बाद इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बयान जारी कर कहा कि हमास को इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी. भारत समेत कई देशों ने मुश्किल की इस घड़ी में इजराइल के साथ खड़े होने की बात की है. हालांकि बिगड़ते हालात के बीच दिल्ली से तेल अवीव की उड़ानें रद्द कर दी गई है. तेल अवीव से दिल्ली की उड़ानें 14 अक्टूबर तक रद्द रहेंगी. विशेषज्ञों का कहना है कि इजराइल के दक्षिणी हिस्सों में गाजा पट्टी में शासित आतंकवादी समूह हमास की ओर से शनिवार की सुबह किया गया हमला इजराइल की ‘खुफिया विफलता” का नतीजा है.
विशेषज्ञों के अनुसार, इजराइली सीमा में घुस गए. इजराइल को हमेशा अपनी खुफिया एजेंसियों, घरेलू इकाई शिन बेट और विशेष रूप से अपनी बाहरी जासूसी एजेंसी मोसाद पर गर्व रहा है, लेकिन इस हमले से उसकी खुफिया विफलता (Intelligence Failure) दिखाई पड़ती है.हमास ने शनिवार को इजराइल पर हमला (Hamas Aattack on Israel) करते हुए हजारों रॉकेट दागे. हमास के आतंकवादियों ने गाजा पट्टी से इजराइल में 5,000 से अधिक रॉकेट दागे.इसके साथ ही हमास के सैकड़ों लड़ाके हवाई,जमीनी और समुद्र के रास्ते इजराइली सीमा में घुस गए.जहां उन्होंने सैकड़ों नागिरकों सहित सैनिकों को अपना निशना बनाते हुए गोलीबारी और बमबारी की. इसके साथ ही इजराइल के नागरिकों और सैनिकों का बंधक भी बनाया .ईरान ने आज यानी सोमवार को उन आरोपों को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि फिलिस्तीनी इस्लामी समूह हमास द्वारा इजराइल पर बड़े पैमाने पर हमले में उसकी भूमिका थी. ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने कहा, “ईरानी भूमिका से जुड़े आरोप राजनीतिक कारणों पर आधारित हैं.” उन्होंने कहा कि फलिस्तीनियों के पास तेहरान की किसी भी मदद के बिना अपने राष्ट्र की रक्षा करने और अपने अधिकारों को पुनः प्राप्त करने की आवश्यक क्षमता और इच्छाशक्ति है.आतंकी गुट हमास ने हमले के लिए 6 अक्टूबर का ही दिन क्यों चुना? दरअसल 6 अक्टूबर को यहूदियों का सबसे पवित्र त्योहार योम किप्पुर मनाया जाता है. इसके साथ ही 1973 के संघर्ष की 50वीं वर्षगांठ भी एक खास वजह मानी जा रही है. 1973 में 6 अक्टूबर के दिन योम किप्पुर पर्व पर ही अरब देशों के गठबंधन ने इजराइल के कब्जे वाले क्षेत्रों पर हमले किए थे, जिसकी वजह से योम पिप्पुर युद्ध छिड़ गया था.