24 November, 2024 (Sunday)

कब है सावन की मासिक शिवरात्रि? जानें तिथि, मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

सावन का महीना भगवान शिव का अति प्रिय मास माना जाता है। ऐसे में इस महीने में की गई भोलेनाथ की आराधना का विशेष फल मिलता है। सावन माह में आने वाले तीज-त्यौहार का भी महत्व काफी बढ़ जाता है। सावन में सोमवार का दिन ही नहीं बल्कि इस मास में आने वाले प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि भी काफी फलदायी मानी जाती है। हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मास शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। चतुर्दशी तिथि की रात्रि में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है। इस साल मासिक शिवरात्रि का व्रत 15 जुलाई 2023 को रखा जाएगा।

सावन मासिक शिवरात्रि 2023 शुभ मुहूर्त 

  • सावन माह की चतुर्दशी तिथि आरंभ- 15 जुलाई को शाम 8 बजकर 32 मिनट से
  • चतुर्दशी तिथि समापन- 16 जुलाई 2023 को रात 10 बजकर 8 मिनट पर
  • मासिक शिवरात्रि व्रत तिथि-15 जुलाई 2023
  • मासिक शिवरात्रि व्रत पूजा मुहूर्त- 16 जुलाई को 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक

सावन मासिक शिवरात्रि पूजा विधि

  • शिवरात्रि के दिन प्रात:काल उठकर स्नानकर साफ-सुथरे वस्त्र पहन लें।
  • इसके बाद मंदिर या पूजा स्थल को साफ कर गंगा जल छिड़कर शुद्ध कर लें
  • अह एक चौकी बिछाकर उसपर माता पार्वती, भगवान शिव, गणेश जी, कार्तिकेय जी और नंदी की प्रतिमा स्थापित करें। आप चाहे तो शिव परिवार की तस्वीर भी रख सकते हैं।
  • अब शिव परिवार को पंचामृत से स्नान कराएं।
  • भगवान की प्रतिया या तस्वीर के सामने बेलपत्र, फल-फूल, धूप-दीप आदि चढ़ाएं।
  • शिव चालिसा, शिव पुराण या शिवाष्टक का पाठ करें।
  • पूजा के बाद शिवजी की आरती जरूर करें।
  • शिव मंत्रों का जाप करें।
  • शिव परिवार के सामने हाथ जोड़कर परिवार की सुख-समृद्धि और खुशहाली की प्रार्थना करें।

शिव मंत्र

  1. ओम हौं जूं स: ओम भूर्भुव: स्व: ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवद्र्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ओम स्व: भुव: ओम स: जूं हौं ओम॥
  2. ओम नम: शिवाय
  3. कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्। सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।।

मासिक शिवरात्रि का महत्व

कहते हैं कि जो भी भक्त मासिक शिवरात्रि का व्रत रख विधि-विधान के मां गौरी और महादेव की पूजा करता है उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। आपको बता दें कि शिवरात्रि के दिन ही कांवड़ियां शिवजी के मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं। मासिक शिवरात्रि के दिन भोलेनाथ को बेलपत्र, पुष्प, धूप-दीप और भोग चढ़ाने के बाद शिव मंत्र का जप किया जाता है। कहते हैं ऐसा करने से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है और जीवन में चल रही सभी समस्याओं का समाधान भी निकलता है। इसके अलावा इस दिन जो भक्त मास शिवरात्रि का व्रत करते हैं, भगवान शिव उनसे प्रसन्न होकर उनके सभी कामों को सफल बनाते हैं।

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