शेयर मार्केट में हरियाली, सेंसेक्स में रिकॉर्ड उछाल; आज निवेशकों को मिलने वाला बंपर रिटर्न?
आज हफ्ते का पहला दिन है। शेयर बाजार में हरियाली दिख रही है। सेंसेक्स 137 अंको की उछाल के साथ (60,829) बिजनेस शुरू किया है। वहीं निफ्टी भी 43 अंको की बढ़त के साथ 18,804 पर कारोबार कर रहा है। बता दें, कल अच्छी शुरुआत के बावजूद बीएसई सेंसेक्स 311.03 अंक लुढ़ककर 60,691.54 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह एनएसई निफ्टी भी 99.60 अंक टूटकर 17,844.60 अंक पर बंद हुआ। कल बैंकिंग और आईटी के शेयरों में गिरावट देखने को मिली। हैवीवेट रिलांयस के शेयरों में भी गिरावट रही। वहीं, अल्ट्राटेक सीमेंट, एचसीएल टेक, महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों में तेजी देखने को मिली। आज मार्केट में बदलाव देखने को मिल सकता है।
आज बदल सकता है खेल?
- सोमवार को तेल की कीमतों में 1 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई। ब्रेंट क्रूड 1.07 डॉलर यानी 1.3 फीसदी बढ़कर 84.07 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। मार्च के लिए यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड (WTI), जो मंगलवार को समाप्त हो रहा था, पिछली बार 85 सेंट या 1.1 प्रतिशत बढ़कर 77.19 डॉलर हो गया था।
- जनवरी में भारत का घरेलू हवाई यातायात पिछले साल के इसी महीने की तुलना में लगभग दोगुना हो गया। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा 20 फरवरी को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, यात्रियों की संख्या बढ़कर 125.42 लाख हो गई। हालांकि, दिसंबर 2022 की रीडिंग की तुलना में जनवरी में घरेलू हवाई यातायात 1.5 प्रतिशत गिर गया, जो 127.35 लाख यात्रियों के बराबर था। हवाई यातायात अभी भी पूर्व-कोविड स्तरों से कम है। जनवरी 2020 में घरेलू एयरलाइंस ने 127.83 लाख यात्रियों को उड़ाया।
- पिछले सत्र में रुपया 10 पैसे की तेजी के साथ 82.73 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। घरेलू इक्विटी बाजार में कमजोरी से रुपए की बढ़त पर रोक लगी।
भारतीय शेयर बाजार से मिल रहे कम रिटर्न ने विदेशी निवेशकों को परेशानी में डाल दिया है। इसके चलते उनका मोहभंग भी हो रहा है। इसका असर उनके निवेश पर दिखाई दे रहा है। उनका निवेश भारतीय बाजार में लगातार कम हो रहा है। मॉर्निंगस्टार की एक रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू शेयरों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का निवेश दिसंबर, 2022 के अंत में घटकर 584 अरब डॉलर रह गया, जो सालाना आधार पर 11 प्रतिशत कम है। यह गिरावट काफी हद तक भारतीय शेयरों से कम रिटर्न और घरेलू शेयर बाजार से विदेशी धन की निकासी के चलते आई है।