Metro Neo Rail: ‘मेट्रो नियो’ में सफर कर सकेंगे दिल्ली-एनसीआर के लाखों लोग, खूबियां जानकर आप भी बोलेंगे ‘वाह’
Metro Neo Rail: आने वाले कुछ सालों के दौरान दिल्ली मेट्रो का सफर और भी अधिक सुहाना और आरामदायक होने जा रहा है। इसी के साथ दिल्ली मेट्रो में यात्रा करने के दौरान लोगों को नया अनुभव मिल सकता है। दरअसल, दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) मेट्रो लाइट की जगह मेट्रो नियो को दौड़ाने की तैयारी कर ली है। मिली जानकारी के मुताबिक, डीएमआरसी ने कीर्ति नगर से द्वारका (बमनौली) के 19 किलोमीटर लंबे रूट इसे चलाने की तैयारी की है। इस बाबत जल्दी ही इसके लिए टेंडर भी निकाले जाएंगे। सबकुछ ठीक रहा तो अगले कुछ सालों के दौरान दिल्ली-एनसीआर के लाखों यात्री मेट्रो नियो के जरिये अपना सफर कर सकेंगे। यह भी जानकारी मिली है कि पूर्व मेट्रो लाइट चलाने की तैयारी में जुटे दिल्ली मेट्रो रेल निगम ने अब 29 मेट्रो लाइट के जारी टेंडर को रद कर दिया है। सबकुछ ठीक रहा तो दिल्ली जल्द ही देश का ऐसा पहला शहर बन जाएगा, जहां पर मेट्रो नियो रफ्तार भरेगी। आइये जानते हैं कि आखिर किन खूबियों के चलते मेट्रो लाइट पर मेट्रो नियो भारी पड़ी।
मेट्रो नियो एक तरह से बस की तरह है
कहने को मेट्रो लाइट और मेट्रो नियो दोनों पर सामान्य मेट्रो की तरह कम खर्च आता है। मेट्रो नियो की कुछ विशेषताएं मेट्रो लाइट की तुलना में उसे खास बना रही हैं। मसलन, मेट्रो नियो एक तरह से बस की तरह है। इसे ट्राम की तरह ओवरहेड वायर से बिजली मिलती है और यह चलती भी बेहद स्मूथ है।
खर्च भी आएगा कम
मेट्रो नियो का संचालन इसलिए भी डीएमआरसी के लिए किफायती साबित होगा, क्योंकि इसके निर्माण से लेकर संचालन तक पर खर्च भी कम आएगा। दरअसल, राजधानी दिल्ली में मेट्रो नियो को दौड़ाने के लिए कॉरिडोर में अलग से स्लैब बनाना होगा। साधारण मेट्रो ट्रेन की तरह मेट्रो नियो में लोहे के नहीं, बल्कि बसों की तरह रबर वाले पहिए होंगे। इससे यह रफ्तार भी तेजी से पकड़ेगी, लेकिन बताया जा रहा है कि इसकी गति सामान्य मेट्रो की तुलना में कम रहेगी।
अलग बनेगा कॉरिडोर
मेट्रो नियो में डीएमआरसी के बनाए लोहे के ट्रेक पर चलाना संभव नहीं है। इसके लिए अलग से एक डेडिकेटेड कॉरिडोर निर्मित करना होगा। यह सड़क पर मेट्रो और बाकी ट्रैफिक साथ-साथ चलाया जा सकेगा।
बस स्टॉप की तरह बनेंगे इसके स्टेशन
मेट्रो स्टेशन की तरह यहां पर स्टेशन बनेंगे, लेकिन ये मेट्रो स्टेशनों से बिल्कुल अलग होंगे। दरअसल, मेट्रो नियो के स्बटेशन स्टॉप की तरह होंगे। सबसे बड़ी बात यह है कि इसकी लागत बेहद कम होगी।
सिर्फ 3 कोच की होगी मेट्रो नियो
दिल्ली मेट्रो रेल निगम फिलहाल दिल्ली-एनसीआर 6 कोच की मेट्रो दौड़ा रहा है। वहीं मेट्रो नियो में सिर्फ 3 कोच होंगे। मेट्रो नियो का प्रत्येक कोच 12 मीटर लंबा औऱ तकरीबन 3 मीटर चौड़ा होगा। वहीं, इसकी सड़क से ऊंचाई 300-355 मिमी होगी। ऐसे में हादसे का कम से कम खतरा होगा।
गौरतलब है कि मेट्रो नियो रेल की खूबियों की वजह से यह केंद्र सरकार को भी भा रही है। बताया जा रहा है कि इस योजना के अनुसार उन शहरों में मेट्रो नियो चलाई जाएगी, जहां की आबादी तकरीबन 5 लाख होगी। नियो मेट्रो की सबसे बड़ी खूबी यह है कि निर्माण, संचालन और मेंटेनेंस की लागत दिल्ली में चल रही सामान्य मेट्रो से काफी होगी। वहीं, इसका मुनाफा इसकी लागत से दोगुना होगा। इसी के साथ यह योजना केंद्र सरकार के अधीन होगी। इस तरह यह दिल्ली में चलाई जा सकेगी, क्योंकि दिल्ली मेट्रो रेल निगम केंद्र के तहत है।