सौभाग्य और सौंदर्य के लिए स्त्रियां रखें रथ सप्तमी का व्रत, जानें इसकी डेट, पूजा विधि और महत्व
माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि (28 जनवरी 2023) धार्मिक लिहाज से काफी मायने रखता है। यह तिथि भगवान सूर्यदेव को समर्पित है। इस दिन अचला सप्तमी का व्रत रखा जाता है, जिसे रथ सप्तमी व्रत के नाम से भी जाना जाता है। मान्यताओं के मुताबिक, जो भी स्त्रियां रथ सप्तमी का व्रत रखती हैं उन्हें सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। भगवान भास्कर व्रतियों को सौभाग्य और सौंदर्य प्रदान करते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सूर्यदेव ने अपने प्रकाश से पूरे जगत को प्रकाशित किया था। इसी दिन सूर्यदेव सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर प्रकट हुए थे, इसीलिए माघ शुक्ल पक्ष की सप्तमी को रथ सप्तमी के नाम से जाना जाता है।
कालविवेक के षृष्ठ- 101, हेमाद्रि के पृष्ठ- 624 पर मत्स्यपुराण का उद्धरण देते हुए भी इसका उल्लेख किया गया है कि मन्वन्तर के आरंभ में इसी तिथि पर सूर्यदेव को रथ प्राप्त हुआ था। रथ सप्तमी के अलावा इसे अचला सप्तमी, विधान सप्तमी और आरोग्य सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है।
रथ सप्तमी पूजा विधि
- प्रात:काल उठकर स्नान कर साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर लें
- स्नान के बाद उगते सूर्य को अर्घ्य दें
- संभव हो तो किसी नदी या तालाब में जाकर स्नान करें और सूर्य देव की पूजा करें
- अर्घ्य देते समय सूर्य मंत्र का जाप करें
- नदी किनारे ही सूर्य की अष्टदली प्रतिमा बनाएं और शिव-पार्वती की स्थापना उसके बीच में करके पूजन करें
- पूजन के बाद सूर्य और शिव पार्वती का विसर्जन कर घर आएं
- पूजा के बाद किसी ब्राह्मण या गरीब को दान जरूर करें
माघ शुक्ल पक्ष की सप्तमी को जरूर करें ये काम
- माघ शुक्ल पक्ष की सप्तमी पर सूर्योदय के समय किसी नदी या बहते हुए जल में अपने सर पर आक या मदार
- के पौधे की सात पत्तियां रखकर स्नान करना चाहिए।
- इसके अलावा अलग से आक की सात पत्तियां, चावल, तिल, दूर्वा, अक्षत और चन्दन लेकर जल में डालकर
- सूर्यदेव को अर्घ्य देना चाहिए और प्रणाम करना चाहिए।
- माघ शुक्ल पक्ष की सप्तमी को उपवास करना चाहिए साथ ही कनेर के पुष्पों और लाल चंदन से सूर्य भगवान की पूजा करनी चाहिए।
- अगर आप एक सुंदर, स्वस्थ संतान चाहते हैं तो आपको गेंहू और गुड़ की खीर बनाकर अपने जीवनसाथी से स्पर्श कराकर सूर्य भगवान को अर्पित करें।
- अगर आप स्किन संबंधी किसी परेशानी से छुटकारा पाना चाहते हैं या अपने बालों की जड़ों को मजबूत करना चाहते हैं तो आपको किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान करना चाहिए।