उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में जन्म लेने वालों को आज करना चाहिए यह काम, मिलेगा शुभ फल
आज पौष कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि और शुक्रवार का दिन है। अष्टमी तिथि आज का पूरा दिन पार कर के देर रात 3 बजकर 2 मिनट तक रहेगी। सुबह 7 बजकर 47 मिनट तक प्रीति योग रहेगा, उसके बाद आयुष्मान योग लग जाएगा। प्रीति योग की चर्चा हम आपसे कल ही कर चुके है, इसलिए आज हम बात करेंगे आयुष्मान योग की – आयुष्यमान भव एक आशीर्वाद है जिसे वरिष्ठ लोग छोटों को आयुष्यमान भव: कहकर आशीर्वाद देते हैं। यह आशीर्वाद लंबी आयु के लिए दिया जाता है। ठीक इसी प्रकार ज्योतिष में आयुष्मान योग है जिसमें किए गए कार्य लंबे समय तक शुभ फल देते रहते हैं। जीवनभर इनका असर बने रहने के कारण इसे आयुष्मान योग कहा जाता है।
आज सुबह 7 बजकर 35 मिनट तक पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र रहेगा, उसके बाद उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र लग जएगा। आकाशमंडल में कुल 27 नक्षत्र स्थित होते हैं। उन्हीं नक्षत्रों में से एक उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र है। गिनती के आधार पर ये बारहवां नक्षत्र है। इस नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह विश्राम के लिए प्रयोग की जाने वाली चारपाई अथवा बेड के पिछले दो पायों को माना जाता है।
आपको बता दें कि इस नक्षत्र का पहला चरण सिंह राशि में आता है, जबकि इसके बाकी तीन चरण कन्या राशि में आते हैं। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के स्वामी सूर्यदेव हैं। इसके अलावा उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का संबंध पाकड़ के पेड़ से बताया गया है। कहीं-कहीं पर स्थानीय भाषा में इस पेड़ को पकड़िया के नाम से भी जाना जाता है। जिन लोगों का जन्म उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में हुआ हो उन लोगों को आज के दिन पाकड़ के पेड़ के दर्शन करने चाहिए और उसके सामने दोनों हाथ जोड़कर प्रणाम करना चाहिए।